लवली कंडारा एनकाउंटर: CBI ने 5 पुलिस कर्मियों पर दर्ज किया मामला
- जांच के तहत अब सीबीआई की दिल्ली ब्रांच ने रातानाड़ा थाने के तत्कालीन थानाधिकारी लीला राम सहित पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।इसकी जांच स्पेशल सेल द्वितीय के डीएसपी मोहिंदर राम करेंगे।
राजस्थान के जोधपुर के 13 अक्टूबर 2021 को बदमाश नवीन उर्फ लवली कंडारा और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ में गोली लगने से लवली की मौत का मामला फिर सुर्खियों में है। गहलोत सरकार के कार्यकाल में इस मामले की जांच सीबीआई की दी गई। जांच के तहत अब सीबीआई की दिल्ली ब्रांच ने रातानाड़ा थाने के तत्कालीन थानाधिकारी लीला राम सहित पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।इसकी जांच स्पेशल सेल द्वितीय के डीएसपी मोहिंदर राम करेंगे।
आरोप है कि 13 अक्टूबर को एनकाउंटर से पहले सेनापति चौराहा के पास लवली अपनी कार में था। लीला राम सादी वर्दी में हाथ में पिस्टल लिए गाड़ी के पास गए और कांच तोड़ने की कोशिश की। इसके चलते लवली ने अपनी गाड़ी भगा दी। इस दौरान लीला राम के हाथ में पिस्टल थी तो वह टायर पर फायर कर सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं कर अपनी निजी गाड़ी से पीछा करना उचित समझा। इसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था।
बनाड़ रोड पर पुलिस ने अपनी गाड़ी तेजी से आगे लेकर लवली की गाड़ी के आगे लगा दी और उसके बाद लीला राम बाहर निकले और फायर किया, जिसमें लवली की गोली लगी। इस दौरान लवली की गाड़ी में छह लोग थे, जिनमें से दो लोग मौके से भागने में कामयाब हुए थे। पुलिस लवली को घायल अवस्था में एचडी में अस्पताल लेकर आई, जबकि तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।
13 अक्टूबर 2021 को इस घटना के बाद कुछ वीडियो वायरल हुए थे, जिसके आधार पर परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि लीला राम ने जानबूझकर लवली को गोली मारी, जबकि इसकी जरूरत नहीं थी। परिजनों ने सीधा लीला राम सहित अन्य पर उसकी हत्या का आरोप लगाया था। मथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी के बाहर लगातार धरना चल था। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता हनुमान बेनीवाल खुद धरने पर आए। इस दौरान लवली का शव परिजनों ने नहीं उठाया। सरकार ने एडीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा को भेजा और वार्ता के बाद 17 अक्टूबर को कमिश्नर जोश मोहन ने लीला राम सहित पांचों को निलंबित किया गया। इसके बाद लवली का अंतिम संस्कार हुआ।