राहुल गांधी के लेख से चढ़ा सियासी पारा, दीया कुमारी और गजेंद्र सिंह शेखावत ने दी ये नसीहत
- राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राहुल गांधी के लेख की निंदा की है। कहा- राजपरिवारों पर सारहीन आरोप लगाया है कि महाराजाओं को रिश्वत दे कर अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया।
राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के लेख की निंदा की है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अंग्रेज़ी औऱ हिन्दी अखबारों में अपने लेख के माध्यम से पूर्व राजपरिवारों पर सारहीन आरोप लगाया है कि महाराजाओं को रिश्वत दे कर अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया। राहुल गांधी द्वारा लिखे गये लेख में पूर्व राजपरिवारों की छवि धूमिल करने के प्रयास की मैं कड़े शब्दों में निंदा करती हूं।
दिया कुमारी ने कहा कि एकीकृत भारत का सपना पूरा करने के लिए सभी राजपरिवारों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। राहुल गांधी को इतिहास की जानकारी नही है। उनके द्वारा इतिहास के तथ्यों को जाने बिना इस तरह के लेख लिखना नितान्त अनावश्यक और निंदनीय है। वे अपनी राजनीतिक छवि को चमकाने के लिए दूसरों के परिवारों पर कीचड़ उछालना बंद करे और अपने संवैधानिक पद की मर्यादा को बनाये रखे।
दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री गजेद्र सिंह शेखावत ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है। शेखावत ने कहा कि राहुल गांधी का भारत की समृद्ध विरासत के विषय में अज्ञान और औपनिवेशिक मानसिकता ने सभी सीमाओं को पार कर दिया है। उनके विचारों से भारत के स्वाधीनता संघर्ष और अखंड भारत के निर्माण में राजघरानों के योगदान का बेशर्मी के साथ मजाक उड़ाया गया है, जो अत्यंत निंदनीय है। शेखावत ने कहा कि हजारों साल में सनातन पर जितने भी हमले हुए, उन्हें राजस्थान के राजा-महाराजाओं ने पीढ़ियां कुर्बान करके बचाया।
सनातन संस्कृति के मानबिंदुओं की रक्षा के लिए इन्होंने हमेशा बलिदान दिया। आज अगर इस देश में सनातन और हिंदुत्व जिंदा है तो उसका केवल और केवल कारण भारत के इन राजपरिवारों का बलिदान है।
राहुल गांधी के लिखे एक आलेख की निंदा करते हुए शेखावत ने कहा कि कांग्रेस के युवराज की भारतीय इतिहास की समझ कितनी भ्रष्ट और सलेक्टिव है, यह उनके आलेख से जाहिर होता है। यह हैरानी भरा है कि जो नेता भारत जोड़ो यात्रा के जरिए अपने को भारतीय जन-गण और मन के साथ ईमानदारी से खड़ा होने का दावा करता रहा है, वह अपने देश के स्वाधीनता संघर्ष और अखंड भारत के निर्माण के ऐतिहासिक तथ्यों के बारे में किस तरह कूपमंडुकता का शिकार है।