किरोड़ी लाल मीणा के भाई को टिकट देकर उलझी BJP, उल्टी पड़ रही अपनी ही रणनीति?
- बीजेपी ने किरोड़ी लाल के भाई जगमोहन मीणा को दौसा से टिकट देकर जो रणनीति बनाई है, उसी में उलझती हुई नजह आ रही है। दौसा बीजेपी का एक गुट प्रचार से दूर बनाए हुए है।
राजस्थान में 7 सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में चुनाव प्रचार चरम पर है। उपचुनाव में सीएम भजनलाल शर्मा के साथ-साथ कृषिमंत्री किरोड़ी लाल मीणा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। बीजेपी ने किरोड़ी लाल के भाई जगमोहन मीणा को दौसा से टिकट देकर जो रणनीति बनाई है, उसी में उलझती हुई नजह आ रही है।विश्लेषकों के मुताबिक उपचुनाव में कांग्रेस से ज्यादा किरोड़ी लाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। क्योंकि दौसा किरोड़ी लाल का गढ़ माना जाता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी में ही परदे के पीछे किरोड़ी विरोधी लाॅबी सक्रिय है। वह नहीं चाहती है कि किरोड़ी लाल दौसा में रहे। इसलिए भीतरघात का खतरा बना हुआ है। दौसा में बीजेपी का एक धड़ा किरोड़ी लाल के प्रचार से दूरी बनाए हुए है। यहीं वजह है कि किरोड़ी लाल ने अपने भाई के प्रचार के लिए मुख्यमंत्री से लेकर पार्टी के हर बड़े नेता को बुलाया।
दौसा से बीजेपी की पूर्व सांसद जसकौर मीणा की खामोश ने पार्टी को चिंता में डाल दिया है। बता दें किरोड़ी लाल मीणा और जसकौर मीणा की अदवात जगजाहिर है। कई मौकों पर किरोड़ी लाल जसकौर पर निशाना साध चुके है। जानकारों का कहना है कि भाई की हार होने पर किरोड़ी लाल के सियासी कद पर असर पड़ सकता है। दूसरी तरफ कांग्रेस दौसा सीट पर हैट्रिक लगाना चाहेगी। यहां से कांग्रेस लगातार चुनाव जीत रही है।
लोकसभा चुनाव में इंडिया में गठबंधन ने जिन 11 सीटों पर जीत हासिल की थी, उनमें दौसा सीट भी शामिल है। दौसा से कांग्रेस के मुरारी लाल मीणा ने बीजेपी प्रत्याशी को बड़े अंतर से चुनाव हराया था। मुरारी लाल के सांसद बनने के बाद यहां उपचुनाव हो रहे है। किरोड़ी लाल मीणा अपने भाई की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी कसर रहे है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कांटे की टक्कर है।
प्रारंभ में कांग्रेस सांसद मुरारी लाल मैच फिक्सिंग के आरोप लगे थे, लेकिन मतदान की तारीख नजदीक आते ही कांग्रेस ने चुनाव प्रचार में बराबरी हासिल कर ली। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दौसा सीट सचिन पायलट के प्रभाव वाली सीट है। गुर्जर मतदाता बड़ी संख्या में है। पायलट ने दौसा से कांग्रेस के उम्मीदवाल डीसी बैरवा के लिए माहौल बना दिया है। पायलट खुद दो बार अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में कांग्रेस के पक्ष में प्रचार कर चुके है।