किरोड़ी लाल मीणा क्या षडयंत्र के शिकार हो गए? जानिए प्रहलाद गुंजल क्या बोले
लंबे समय तक बीजेपी में रहे हाड़ौती के बड़े नेता प्रहलाद गुंजल ने कहा कि दौसा उप-चुनाव परिणाम से साबित हो गया है कि भाजपा में जनाधार वाले लोगों को सत्ता व संगठन के आंतरिक षड्यंत्रों का शिकार होना पड़ता है।
राजस्थान के दौसा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत से ज्यादा बीजेपी की हार पर चर्चा हो रही है। लंबे समय तक बीजेपी में रहे हाड़ौती के बड़े नेता प्रहलाद गुंजल ने कहा कि दौसा उप-चुनाव परिणाम से साबित हो गया है कि भाजपा में जनाधार वाले लोगों को सत्ता व संगठन के आंतरिक षड्यंत्रों का शिकार होना पड़ता है। गुंजल लंबे समय तक बीजेपी में रहे और लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस ने उन्हें कोटा से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ खड़ा किया था, लेकिन काफी मतों से चुनाव हार गए थे।
रिजल्ट के बाद किरोड़ी लाल के भाई जगमोहन मीणा ने ऐसे ही संकेत दिए है। कहा-जनता ने बहुत प्यार दिया। कार्यकर्ताओं ने खूब मेहनत की, लेकिन अब तो यह स्पष्ट हो ही गया है कि क्या कारण रहे है। ये तो आप को भी मालूम है। जब अपने हो जाए बेवफा तो क्या कीजिए। जगमोहन मीणा ने कहा कि वह गौशाला का काम देखेंगे।
सियासी गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी के बड़े नेता नहीं चाहते थे कि दौसा से किरोड़ी लाल का भाई चुनाव जीते। हालांकि, खुलकर किसी ने बयान नहीं दिया। गलियारों में ऐसी चर्चा है कि सीएम भजनलाल के करीबी लोगों ने भितरघात किया है। दौसा में पार्टी के धड़े ने अंदरखाने विरोध किया, यहीं वजह से ऐन वक्त पर बहुत कम वोटों से जगमोहन पीछे रह गए। हार का सामना करना पड़ा। उल्लेखनीय है कि राजस्थान की दौसा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की है। कांग्रेस प्रत्याशी केसी बैरवा ने बीजेपी के जगमोहन मीणा को 2300 मतों से हरा दिया है। जगमोहन को 73034 वोट मिले।