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उड़ान भरने से पहले विदा चेष्टा बिश्नोई, अंगदान से दे गईं कई लोगों को नई जिंदगी

  • पुणे में हुए सड़क हादसे में घायल होने के कारण चेष्‍टा को सिर में गंभीर चोटें आईं थीं और उससे वे उबर नहीं पाईं. उनके परिवार ने ऐसे समय में साहसिक फैसला लिया और चेष्‍टा के अंगदान को सहमति दे दी।

Prem Narayan Meena लाइव हिन्दुस्तानThu, 19 Dec 2024 07:08 AM
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राजस्थान के जैसलमेर जिले की ट्रेनी पायलट चेष्टा बिश्नोई के सपने उड़ान भरने वाले थे। वह आसमान पर राज करने वाली थी। लेकिन उससे पहले ही दुनिया से विदा हो गई। पर उसके परिजन ने अंगदान का निर्णय लेकर उसे हमेशा के लिए अमर कर दिया। 21 साल की चेष्टा बिश्नोई बारामती महाराष्ट्र में फ्लाईंग अकादमी में कमर्शियल पायलट बनने की ट्रेनिंग ले रही थी। नौ दिसंबर को एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई।

पुणे में हुए सड़क हादसे में घायल होने के कारण चेष्‍टा को सिर में गंभीर चोटें आईं थीं और उससे वे उबर नहीं पाईं. उनके परिवार ने ऐसे समय में साहसिक फैसला लिया और चेष्‍टा के अंगदान को सहमति दे दी। इससे गंभीर रोगों से जूझ रहे 8 लोगों को नई जिंदगी मिलेगी। एक तरफ जहां चेष्‍टा के निधन की शोक लहर है तो दूसरी तरफ लोग बिश्नोई परिवार के फैसले को सलाम कर रहे है।

कई लोगों को मिलेगी नई जिंदगी

चेष्टा के परिजनों ने उसके सभी अंगों को डोनेट करने का फैसला लिया है। पुणे के एक अस्पताल में चेष्टा के सभी अंगों डोनेट किया गया जिससे कई लोगों को नई जिंदगी मिलेगी। चेष्टा का जन्म 5 दिसंबर 2003 को हुआ था। ऐसे में मात्र 21 साल की उम्र में चेष्टा की दर्दनाक मौत से परिवार में मातम है। चेष्टा पोकरण के खेतोलाई गांव की रहने वाली थी उनके पिता ज्योतिप्रकाश बिश्नोई व माता सुषमा बिश्नोई पोकरण में गैंस एजेंसी चलाते हैं।

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