Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Case related to abolition of Gangapur City district, High Court seeks reply from state government

गंगापुर सिटी जिले को खत्म करने से जुड़ा मामला, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

  • अदालत ने याचिकाकर्ता को बताने को कहा है कि उन्होंने जनहित याचिका पेश करने से पूर्व राज्य सरकार से इस संबंध में जानकारी जुटाने के लिए क्या किया है? विवेक से निर्णय लिया है या नहीं।

Prem Narayan Meena लाइव हिन्दुस्तानMon, 13 Jan 2025 08:27 PM
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राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की ओर से बनाए गए गंगापुर सिटी जिले को खत्म करने के मामले में राज्य सरकार को यह बताने को कहा है कि जिला खत्म करने निर्णय विवेक का इस्तेमाल कर लिया गया है या नहीं? वहीं अदालत ने याचिकाकर्ता को बताने को कहा है कि उन्होंने जनहित याचिका पेश करने से पूर्व राज्य सरकार से इस संबंध में जानकारी जुटाने के लिए क्या किया है? अदालत ने याचिकाकर्ता को मौखिक रूप से चेताया है कि यदि इस संबंध में कोई ठोस आधार नहीं बताया गया, तो जनहित याचिका को भारी हर्जाने के साथ खारिज किया जा सकता है।

सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश गंगापुर सिटी विधायक रामकेश मीणा की ओर से दायर जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सारांश सैनी ने अदालत को बताया कि गंगापुर सिटी को जिले का दर्जा निर्धारित मापदंड के तहत दिया गया था। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद जिलों को लेकर राजनीति शुरु हुई और अब राजनीतिक द्वेषता के चलते ही कुछ जिलों का दर्जा समाप्त कर दिया गया है। गंगापुर सिटी से जिला का दर्जा समाप्त करने के पीछे भी सरकार की राजनीतिक द्वेषता ही है।

यचिका में कहा गया कि सरकार ने करीब डेढ़ साल पहले गंगापुर सिटी को जिला बनाया था और उसके बाद यहां कई प्रशासनिक नियुक्तियां हो चुकी हैं। यहां विभाग भी बतौर जिला स्तर पर काम कर रहे हैं. कमेटी ने लोगों से आपत्तियां मांगने के बाद इसे जिला घोषित किया था। ऐसे में अब महज राजनीतिक द्वेषता के चलते इसे जिला निरस्त करना गलत है। वहीं अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा कि उन्होंने जनहित याचिका दायर करने से पहले राज्य सरकार से जिला निरस्त करने के आधारों की जानकारी मांगने के लिए क्या कार्रवाई की।

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