काॅन्स्टेबल अभिषेक शर्मा हत्याकांड: साली को उम्रकैद, 110 दिन बाद मिली थी लाश
- उल्लेखनीय हो कि करीब 6 वर्ष पूर्व वर्ष 2019 में पुलिस कमांडो अभिषेक शर्मा की सवाई माधोपुर के बोली गांव के एक खंडहर में श्यामा जोशी और उसके प्रेमी नावेद ने बुलाकर हत्या कर शव को दफन कर दिया था।
राजस्थान के बूंदी जिले के बहुचर्चित पुलिस कमांडो अभिषेक शर्मा हत्याकांड मामले में पोक्सो कोर्ट क्रम संख्या 2 ने अहम फैसला देते हुए मुख्य आरोपी श्यामा जोशी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही श्याम पर 1 लाख 8 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जबकि मामले का सह आरोपी नावेद की पॉक्सो कोर्ट कोर्ट क्रम 1 में वर्तमान में ट्रायल चल रही है। उल्लेखनीय हो कि करीब 6 वर्ष पूर्व वर्ष 2019 में पुलिस कमांडो अभिषेक शर्मा की सवाई माधोपुर के बोली गांव के एक खंडहर में श्यामा जोशी और उसके प्रेमी नावेद ने बुलाकर हत्या कर शव
को दफन कर दिया था। बूंदी पुलिस को करीब 110 दिन बाद कमांडो का शव बरामद हुआ था। आरोपी युवती को कोर्ट ने सजा सुनाई तो मीडिया के सामने आरोपी अपना मुंह छुपाती हुई नजर आई। विशिष्ट लोक अभियोजक पोक्सो क्रम 2 निशांत सोनी ने बताया कि बूंदी शहर के बीबनवा रोड निवासी कांस्टेबल अभिषेक शर्मा 28 अगस्त की शाम वह घर से पुलिस लाइन ड्यूटी पर जाने के लिए निकला था, पर न ड्यूटी पर पहुंचा, न घर लौटा।
परिवार ने तलाशने के बाद 5 सितंबर को कोतवाली में अभिषेक की गुमशुदगी की रिपोर्ट दी थी। उस समय रिपोर्ट में अभिषेक के ससुराल पक्ष व उसकी प्रेमिका श्यामा शर्मा पर अभिषेक को गायब करने का संदेह जताया गया था। श्यामा शर्मा अभिषेक की पत्नी की बुआ की बेटी है। पुलिस जांच में अभिषेक के बौंली की श्यामा शर्मा के साथ करीबी संबंधों की बात पुख्ता हो गई थी। पुलिस ने युवती से पूछताछ की तो उसने साथी नावेद के साथ मिलकर अभिषेक की हत्या की बात कबूल कर ली थी।
न्यायालय पोक्सो क्रम संख्या 02 के न्यायाधीश बालकृष्ण मिश्र ने निर्णय सुनाते हुए अभियुक्ता श्यामा शर्मा पुत्री स्वर्गीय राजेंद्र शर्मा निवासी बोली जिला सवाई माधोपुर को मृतक अभिषेक के मर्डर की आरोपी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। विशिष्ट लोक अभियोजक निशांत कुमार सोनी के द्वारा पैरवी करते हुए 35 गवाह एवं 105 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए।