Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Appointment of district presidents of Rajasthan BJP stuck due to political tussle

आखिर क्यों अटक गई राजस्थान बीजेपी के जिला अध्यक्षों की सूची, यहां फंसा पेंच

  • वजह यह सामने आई है कि बड़े नेताओं की खींचतान की वजह से आम सहमति नहीं बन पा रही है। यही वजह है कि सूची अटक गई है। ऐसे में अब इसे सुलझाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष रविवार को जयपुर आने की संभावना है।

Prem Narayan Meena लाइव हिन्दुस्तानSun, 12 Jan 2025 02:36 PM
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राजस्थान बीजेपी में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। वजह यह है कि बड़े नेताओं की खींचतान की वजह से आम सहमति नहीं बन पा रही है। यही वजह है कि सूची अटक गई है। ऐसे में अब इसे सुलझाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष रविवार को जयपुर आने की संभावना है। माना जा रहा है कि जहां-जहां ज्यादा विवाद है, वहां जिला अध्यक्ष की नियुक्ति प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के बाद होगी।

सूत्रों का कहना है कि बीजेपी जिलाध्यक्षों की सूची में वसुंधरा राजे की पंसद भारी पड़ गई है। इसे लेकर राजे विरोधी कैंप के नेता सक्रिय हो गए। सूची में नए नाम शामिल कराने को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता जयपुर से दिल्ली तक रेस लगा रहे है। पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुन मेघवाल अपने-अपने समर्थकों के लिए जबर्दस्त लाॅबिंग कर रहे है।

उल्लेखनीय है कि भाजपा ने राजस्थान में संगठन के लिहाज से 44 जिला संगठन इकाइयां बना रखी हैं। ऐसे में 44 जिला अध्यक्ष ही संगठन के लिए काम करते हैं। प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए जो मापदंड तय हैं। उसके मुताबिक 23 जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति जरूरी है। इसलिए पार्टी का पूरा फोकस इसी मामले पर है कि कैसे भी करके कम से कम 23 जिलों में पार्टी जिला अध्यक्ष की नियुक्ति बिना किसी विवाद के कर दें।

सूत्रों के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी. एल. संतोष रविवार को भाजपा संगठन के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक करेंगे। उनकी सीएम भजनलाल शर्मा, भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, संगठन चुनाव में जुड़े नेताओं के साथ बैठक प्रस्तावित है। संतोष का रविवार रात को ही जयपुर आने का कार्यक्रम है। माना जा रहा है कि इस दौरे में ही जिला अध्यक्षों को लेकर चर्चा हो जाएगी और आगामी तीन से पांच दिन में जहां-जहां विवाद नहीं है, वहां-वहां जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी जाएगी।

जिन जिलों में अध्यक्षों की नियुक्तियों में सबसे ज्यादा विवाद की आशंका है, उनमें जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, अजमेर, सीकर, सिरोही, भीलवाड़ा, बारां, झालावाड़, धौलपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर, बाड़मेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर और उदयपुर जिले शामिल है। पार्टी यहां जिला अध्यक्षों की नियुक्तियों को लेकर विशेष सावधानी बरत रही है। बताया जा रहा है कि यहां बड़े नेताओं के बीच एक-दो नामों पर सहमति नहीं बन पा रही है। कई जिलों से तो चार से ज्यादा नाम जिला अध्यक्षों के लिए आए हैं।

उल्लेखनीय है कि जिला अध्यक्षों के संभावित नामों की सूची प्रदेश के चार बड़े नेताओं की समिति तैयार कर रही है। इन नेताओं में पूर्व राज्यसभा सांसद नारायण पंचारिया, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी शामिल है। यह नेता प्रत्येक जिले से दो नए चेहरे, एक पूर्व जिला अध्यक्ष और एक वर्तमान जिला अध्यक्षों की सूची तैयार कर रहे हैं। यही सूची रविवार को बी.एल. संतोष के समक्ष रखी जाने की संभावना है।

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