औरंगजेब-बाबर ने मंदिरों को तोड़कर बनवाई मस्जिदें, बोले मदन दिलावर
- शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा कि औरंगजेब-बाबर ने मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनवाई। खुदाई से फैसला हो जाएगा। दिलावर ने कहा कि अजमेर दरगाह के मामले में न्यायालय ही निर्णय करेगा।
राजस्थान में अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के मामले पर बयानबाजी का दौर जारी है। शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा किऔरंगजेब-बाबर ने मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनवाई। खुदाई से फैसला हो जाएगा। दिलावर ने कहा कि अजमेर दरगाह के मामले में न्यायालय ही निर्णय करेगा, लेकिन यह भी सच है कि मंदिरों को तोड़कर औरंगजेब और बाबर सहित अन्य मुगल आक्रांताओं ने मस्जिद बनाई थी। अब अजमेर दरगाह के पूरे मामले की जांच होगी। ऐसे में अगर न्यायालय आदेश देता है तो फिर इसकी खुदाई की जाए और जो अवशेष मिलेंगे, उससे निर्णय हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि नीचे मंदिर होने संबंध याचिका न्यायालय में दायर की गई थी, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है। अब इस पर सुनवाई होगी। वहीं, अब यह एक सियासी मुद्दा बन गया है। लगातार इसके पक्ष और विपक्ष में बयान आ रहे हैं। इसी कड़ी में अब राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भी बयान दिया है।
उल्लेखनीय है कि याचिका में दावा किया गया था कि दरगाह की जमीन पर पूर्व में भगवान शिव का मंदिर था। वहां पूजा पाठ और जलाभिषेक किया जाता रहा है। दरगाह परिसर में एक जैन मंदिर होने का भी दावा किया गया। याचिका में अजमेर के रहने वाले हरविलास शारदा की लिखी पुस्तक का हवाला दिया गया। इसके आधार पर दरगाह की जगह मंदिर होने के प्रमाण का उल्लेख किया गया। किताब में दावा किया गया है कि दरगाह परिसर में मौजूद 75 फीट के बुलंद दरवाजे के निर्माण में मंदिर के मलवे के अंश हैं। साथ ही वहां एक तहखाना या गर्भ गृह होने की भी बात की गई और कहा गया है कि वहां शिवलिंग था, जहां ब्राह्मण परिवार पूजा अर्चना करते थे।