अमृतपाल सिंह के पार्टी बनाने से कांग्रेस को होगा फायदा! क्यों उम्मीद पाल रही पार्टी; इनसाइड स्टोरी
- अमृतपाल सिंह की ओर से दल के गठन को लेकर बयान भी जारी किया गया है, जिसमें कहा गया कि हमारा पहला कदम यह होगा कि अकाली राजनीति को मजबूत किया जाए। उसे फिर से सूबे में उभारा जाए। सुखबीर सिंह बादल भी कह चुके हैं कि अकाली दल की राजनीति को खत्म करने के लिए अमृतपाल सिंह की पार्टी बनवाई जा रही है।
जेल में बंद खालिस्तानी अमृतपाल सिंह के समर्थकों और परिजनों ने मिलकर मंगलवार को नई पार्टी के गठन का ऐलान कर दिया। अमृतपाल सिंह की इस पार्टी का नाम अकाली दल (वारिस पंजाब दे) होगा। नाम से ही साफ है कि पंजाब के पंथिक वोटरों को ध्यान में रखते हुए अमृतपाल सिंह ने पार्टी के गठन का फैसला लिया है। बीते कुछ सालों में अकाली दल काफी कमजोर हुई है और अब उसमें नेतृत्व का संकट पैदा हो गया है। सुखबीर सिंह बादल अध्यक्ष पद से हट चुके हैं। उनके पिता प्रकाश सिंह बादल अब नहीं हैं और पत्नी हरसिमरत कौर बादल एक सांसद के तौर पर ही काम कर रही हैं। ऐसे में बादल फैमिली का होल्ड अकाली दल से खत्म सा हो गया है और वह दोफाड़ नजर आ रही है। ऐसी स्थिति में पंथिक वोटरों को अमृतपाल सिंह लुभाना चाहता है।
लेकिन इससे 2022 में सत्ता खोने वाली कांग्रेस की उम्मीदें बढ़ गई हैं। कांग्रेस को लगता है कि अकाली दल के पतन से जो पंथिक वोट आम आदमी पार्टी के खाते में एकतफा गए थे, उनमें बंटवारा होगा। अमृतपाल सिंह की पार्टी को यदि पंथिक वोटरों ने समर्थन दिया तो आम आदमी पार्टी का वोट कम होगा और उसका सीधा लाभ कांग्रेस को मिल सकता है। अमृतपाल सिंह की ओर से दल के गठन को लेकर बयान भी जारी किया गया है, जिसमें कहा गया कि हमारा पहला कदम यह होगा कि अकाली राजनीति को मजबूत किया जाए। उसे फिर से सूबे में उभारा जाए। सुखबीर सिंह बादल भी कह चुके हैं कि अकाली दल की राजनीति को खत्म करने के लिए अमृतपाल सिंह की पार्टी बनवाई जा रही है।
फरीदकोट लोकसभा सीट के सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने भी इस पार्टी को समर्थन दिया है और लॉन्चिंग पर मौजूद थे। वह इंदिरा गांधी के हत्यारे के बेटे हैं। उन्होंने भी धार्मिक मामलों को ही आधार बनाते हुए चुनाव प्रचार किया था और जीत हासिल की थी। सिमरनजीत सिंह मान, अमृतपाल सिंह और सरबजीत खालसा जैसे नेताओं के उभार के बाद नया दल ही बन जाने से कांग्रेस की उम्मीदें परवान चढ़ रही हैं। पार्टी को लगता है कि अकाली दल से छिटका वोटर AAP के पास गया था और अब अमृतपाल की पार्टी उसे विकल्प के तौर पर मिल सकती है। ऐसे में 'आप' का वोट प्रतिशत घट जाएगा।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर राजा वड़िंग ने इसे लेकर कहा कि अभी तो कुछ नहीं कह सकते। भविष्य में देखते हैं कि क्या परिणाम आता है। लेकिन यह सही है कि शिरोमणि अकाली दल ने अपनी राजनीतिक जमीन खो दी है। यह भविष्य में ही पता लगेगा कि अमृतपाल सिंह का एजेंडा क्या शक्ल लेता है। वहीं नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि नया अकाली दल बनाने में कुछ गलत नहीं है, लेकिन यह ध्यान देना होगा कि वह अतिवाद की ओर न बढ़ने पाए। उन्होंने कहा कि ऐसा हुआ तो पंजाब में बड़ा संकट होगा, जो पहले ही ड्रग्स, कानून व्यवस्था की समस्या से जूझ रहा है। अब यदि किसी राजनीतिक दल ने अतिवादी रास्ता अपनाया तो नई सामाजिक समस्या खड़ी हो जाएगी।
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