Hindi Newsपंजाब न्यूज़Punjab is not AAP property Akalis are responsible for Amritpal Singh victory in Lok Sabha Polls Why Congress MP says

कांग्रेस ने बताया- क्यों पंजाब में जीत गए दो खालिस्तानी, AAP पर भी खुलकर बोली

Punjab News: कांग्रेस सांसद रंधावा ने कहा कि लोकसभा चुनावों में अकाली दल की शिथिलता और नाकामी से पैदा हुई शून्यता के कारण ही खालिस्तान समर्थक और आतंकी सोच के लोगों की जीत हो सकी है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 18 June 2024 11:08 AM
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पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री और गुरदासपुर से कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि पंजाब आम आदमी पार्टी (AAP) की जागीर नहीं है। उन्होंने राज्य में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह खालसा के चुनाव जीतने के लिए अकाली दल को जिम्मेदार ठहराया है। रंधावा ने कहा कि लोकसभा चुनावों में अकाली दल की शिथिलता और नाकामी से पैदा हुई शून्यता के कारण ही खालिस्तान समर्थक और आतंकी सोच के लोगों की जीत हो सकी है।

इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में रंधावा ने कहा कि जिस तरह गांधी परिवार के बिना कांग्रेस एकजुट नहीं रह सकती, ठीक उसी तरह बादल परिवार के बिना अकाली दल की एकजुटता असंभव है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनावों में राज्य में कांग्रेस और बेहतर कर सकती थी और कुल 13 में से 11 सीटें जीत सकती थीं लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास की कमी के कारण पार्टी सात सीट ही जीत सकी। रंधावा ने कांग्रेस के वोट परसेंट में आई गिरावट पर भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि 2019 में पार्टी को 40.12 फीसदी वोट मिले थे जो इस बार गिरकर 26.3 फीसदी रह गया।

बता दें कि सरबजीत सिंह खालसा ने बेअदबी का मामला उछालकर फरीदकोट लोकसभा सीट से चुनाव जीता है, जबकि असम की जेल में बंद अमृतपाल सिंह ने पंजाब की खडूर साहिब सीट से चुनाव जीता है। रंधावा ने सवालिया लहजे में कहा कि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को यह जवाब देना होगा और आत्ममंथन भी करना होगा कि उन्होंने टकसाली अकालियों को क्यों नजरअंदाज किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि कमजोर अकाली दल का मतलब कमजोर पंजाब होगा। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि अकाली दल की कमजोरी के कारण ही सरबजीत सिंह खालसा और अमृतपाल की जीत हुई है।

रंधावा ने कहा कि अकाली दल से नाराजगी और उसकी निष्क्रियता के कारण ही  नाराज पंथक वोट अमृतपाल जैसों को मिल सका। उन्होंने कहा कि बपतिस्मा,सिख समुदाय के हितों की वकालत करना और सिख युवाओं को सिखी स्वरूप में लाना अकाली दल की जिम्मेदारी थी लेकिन उसका शिथिलता की वजह से ये जिम्मेदारियां अमृतपाल सिंह ने ले ली, जिसका लाभ उसे मिला। रंधावा ने कहा कि अकाली दल को अपने मूल एजेंडे पर वापस लौटना होगा।

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