नवजोत सिंह सिद्धू की फिर से खुली बगावत, पंजाब प्रभारी की मीटिंग में नहीं गए और अलग से रैली की
नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर से कांग्रेस से अलग एक रैली की है। यह रैली भी उस दौरान हुई, जब चंडीगढ़ में पार्टी प्रभारी मीटिंग ले रहे थे। सिद्धू इसमें नहीं गए, लेकिन रैली करने चले गए।
नवजोत सिंह सिद्धू ने दिसंबर में 'जीतेगा पंजाब' नाम से एक अलग रैली की थी, जिसे लेकर कांग्रेस में खूब बवाल मचा था। उन्हें कई नेताओं ने पार्टी से अलग लाइन चलने पर नसीहत भी दी थी, लेकिन वह खुली बगावत करते दिख रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को एक बार फिर से होशियारपुर जिले में अपनी ही एक अलग रैली की, जबकि पंजाब प्रभारी देवेंद्र यादव ने चंडीगढ़ में मीटिंग बुलाई थी। इसमें सभी पार्टी नेताओं को बुलाया गया था, लेकिन नवजोत सिद्धू नहीं गए। पंजाब दौरे पर आए राज्य कांग्रेस इंचार्ज देवेंद्र यादव से उन्होंने सुबह मंगलवार मुलाकात की और फिर बिना बैठक का हिस्सा बन होशियारपुर पहुंच गए। देवेंद्र यादव 4 दिनों के पंजाब दौरे पर पहुंचे हैं।
पंजाब अध्यक्ष बोले- हाईकमान के सामने उठाएंगे मसला
नवजोत के अलग रैली करने पर प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर राजा वड़िंग ने निशाना भी साधा है। उन्होंने नजवोत सिद्धू के प्रति अपनी खुल कर भड़ास निकाली। वड़िंग कहा कि पार्टी की मजबूती के लिए रखी गई रैली से उन्हें कोई परेशानी नहीं है। वह प्रधान होने के नाते उनके साथ हैं। लेकिन पार्टी को खराब व कमजोर करने वाले को बख्शा नहीं जाएगी। वह हाईकमान के पास इस मुद्दे को उठाएंगे।
सिद्धू का अलग राग, दूसरी रैली की, पर सुर बदले
नवजोत सिद्धू की ये दूसरी रैली है जिसमें कांग्रेस का कोई अन्य सीनियर लीडर मौजूद नहीं है। पार्टी में अपनी डफली, अपना राग की तर्ज पर नवजोत सिंह सिद्धू ने जहां रैलियों को भविष्य में भी जारी रखने का ऐलान किया है। मंगलवार को होशियारपुर रैली में सिद्धू के सुर जरूर कुछ बदले नजर आए। वह रैली में पंजाब सरकार व सीएम भगवंत मान पर तो खूब बरसे लेकिन आज उन्होंने कांग्रेस को लेकर कोई बयान नहीं दिया।
कोई फर्क नहीं पड़ता, मेरी रैलियां जारी रहेंगी: सिद्धू
एक दिन पहले सोमवार को पंजाब इंचार्ज देवेंद्र यादव अमृतसर में श्री दरबार साहिब में माथा टेकने पहुंचे। इस दौरान नवजोत सिद्धू ने उनका स्वागत किया था लेकिन इस मौके पर भी नवजोत पंजाब कांग्रेस के लीडरों से दूरी बनाए हुए थे। सिद्धू ने मीडिया के समक्ष स्पष्ट किया था कि मेरी रैली और बैठकों के बारे में कोई क्या बोलता है, उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। सिद्धू ने कहा कि उनकी रैलियों का सिलसिला जारी रहेगा। पार्टी को मजबूत करने के लिए रैलियों का आयोजन कर रहा हूं। यह साबित भी कर दूंगा कि रैली करने का फैसला सही है। कांग्रेस इससे मजबूत हो रही है।
सिद्धू का चैलेंज- दम तो हो पंजाब प्रधान 10 हजार की रैली करके दिखाएं
सिद्धू ने राजा वड़िंग को चुनौती दी है कि अगर उनमें दम है तो वह भी रैली में 10 हजार कार्यकर्ताओं को एकत्रित कर दिखाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद भी वड़िंग में रैली करने का दम नहीं है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष राजा वडिंग ने साफ कर दिया है कि सिद्धू बेशक रैलियां करें लेकिन पार्टी आचार संहिता एवं अनुशासन में रहते हुए करें तो बेहतर है।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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