नवजोत सिंह सिद्धू के बगावती तेवर, रैलियां करने पर कांग्रेस ने काटा बवाल; क्या मारेंगे पलटी?
पंजाब में सिद्धू बिना कांग्रेस इकाई की अनुमति के रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। इसे लेकर पार्टी नेतृत्व खासा नाराज है। सिद्धू के इस बगावती तेवर से ऐसा लग रहा है कि वह फिर भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस और क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। सिद्धू की रैलियों को लेकर पंजाब कांग्रेस की नेतृत्व की तरफ से लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। यदि ऐसा ही रहा तो इस तरह की आपसी तकरार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के लिए भाजपा और आम आमदी पार्टी से ज्यादा मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। मसला कुछ यूं है कि सिद्धू पंजाब में पार्टी इकाई की मंजूरियों के बगैर रैलियां कर रहे हैं। इसे लेकर कांग्रेस नेतृत्व खासा नाराज है।
सिद्धू की रैलियों पर कांग्रेस की आपत्ति
पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अनुशासनहीनता पर किसी को भी पार्टी से निकाला जा सकता है। एनडीटीवी की रिपोर्ट की मानें तो सिद्धू की रैलियों को लेकर जब वारिंग से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, "कोई भी पार्टी से ऊपर नहीं है। जो कोई भी कुछ करना चाहता है वह कांग्रेस के प्रतीक और मंच के बिना कर सकता है।"
सिद्धू का पलटवार
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी सिद्धू पर कटाक्ष करते हुए कहा, "जब आप (सिद्धू) पीपीसीसी अध्यक्ष थे तो कांग्रेस को 78 (2017 में सीटें) से 18 (2022 में सीटें) पर ले आए। अब आप और क्या चाहते हैं?" उन्होंने कहा कि अपना अलग मंच स्थापित करना अच्छी बात नहीं है। पंजाब का कोई भी कांग्रेसी इसे अच्छा नहीं मानता है। वहीं पार्टी नेतृत्व के इस तल्ख लहजे पर कमेंट करते हुए सिद्धू कहा, "अगर किसी जगह पर 5,000-7,000 लोग इकट्ठा होते हैं, तो किसी के पेट में दर्द क्यों होता है? हम किसके लिए लड़ रहे हैं? हम पंजाब में इस व्यवस्था को बदलने के लिए लड़ रहे हैं।" उल्लेखनीय है कि अपनी रैलियों में सिद्धू केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार और पंजाब में भगवंत मान सरकार दोनों पर निशाना साधते रहे हैं।
क्या सिद्धू भी मारेंगे पलटी?
इस आमने-सामने की स्थिति से यह अटकलें भी तेज हो गई हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में वापसी की योजना बना रहे हैं। बता दें सिद्धू साल 2017 में कांग्रेस में शामिल हुए थे, इससे पहले वह बीजेपी में थे। यदि वह ऐन वक्त पर पार्टी छोड़ते हैं तो वह पिछले कुछ वर्षों में पार्टी छोड़ने वाले कांग्रेसी नेताओं की लंबी सूची में शामिल हो जाएंगे। दिग्गजों की इस सूची में पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री और राज्य कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ शामिल हैं।
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