असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह को झटका, NSA की मियाद एक साल और बढ़ी
अमृतपाल के वकील का कहना है कि अमृतपाल सिंह को एनएसए से बाहर निकालने के लिए प्रयास जारी हैं। अमृतपाल सिंह पर एनएसए मार्च 2023 को लगाया गया था।
असम की डिब्रूगढ़ जेल में नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत सजा काट रहे हाल ही में पंजाब के खडूर साहिब से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीतकर सांसद बने वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह को झटका लगा है। अमृतपाल सिंह और उसके साथियों की नेशनल सिक्योरिटी एक्ट की मियाद को पंजाब सरकार ने एक साल के लिए बढ़ा दिया है। इस बात की पुष्टि उनके वकील ने की है। अमृतपाल और उसके 9 साथियों पर एनएसए की मियाद 18 जून को खत्म हो चुकी थी। अमृतपाल की रिहाई के लिए परिवार और समर्थकों द्वारा प्रयास किए जा रहे थे। साथ ही मांग की जा रही थी कि अमृतपाल को संसद सदस्य के रूप में शपथ लेने की छूट दी जाए। ऐसे में एनएसए की मियाद बढ़ना उसके लिए जोर का झटका साबित होगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह कब और कैसे सांसद पद की शपथ लेंगे।
एक साल में दो बार बढ़ी मियाद
सूत्रों के अनुसार पंजाब सरकार ने इन आदेशों को लोकसभा चुनावों के परिणाम के एक दिन पहले ही 3 जून को जारी कर दिया था। अमृतपाल के वकील का कहना है कि अमृतपाल सिंह को एनएसए से बाहर निकालने के लिए प्रयास जारी हैं। अमृतपाल सिंह पर एनएसए मार्च 2023 को लगाया गया था। इस से पहले अमृतपाल सिंह पर इसी साल 19 मार्च को एनएसए की मियाद बढ़ दी गई थी। एनएसए आदेश आमतौर पर एक वर्ष के लिए प्रभावी होते हैं लेकिन इसे दो बार बढ़ा दिया गया।
शपथ लेने के लिए मिल सकती है एक दिन की पैरोल
नियमों अनुसार अमृतपाल सिंह को 6 महीने के अंदर-अंदर संसद पहुंच शपथ लेनी होगी। इसके लिए उसे एक दिन की पैरोल मिल सकती है। इसी साल मार्च में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में तिहाड़ में बंद आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को अदालत ने दूसरे कार्यकाल के लिए राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लेने की अनुमति दी थी।
एनएसए हटी तो भी अमृतपाल को नहीं मिलेगी राहत
सांसद बनने के बाद अगर सरकार अमृतपाल सिंह की एनएसए हटा भी देती है तो भी उसे कोर्ट और जेल के चक्करों से निजात नहीं मिलेगी। अमृतपाल पर अजनाला थाने पर हमला करने समेत कुल 12 केस दर्ज हैं। साथ ही डिब्रूगढ़ पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके साथियों की सेल में चेकिंग की थी। इस दौरान जेल में 17 फरवरी को अमृतपाल सिंह के पास से मोबाइल, स्पाई कैमरा आदि सामग्री मिली थी। इस मामले में पुलिस ने डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल के अधीक्षक निपेन दास को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और अमृतपाल पर केस दर्ज किया था।
पंजाब में सबसे बड़ी जीत की है दर्ज
अमृतपाल सिंह ने जेल में रहते हुए ही पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की। अमृतपाल सिंह ने 1.97 लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीता। यह पंजाब में सबसे बड़ी जीत है। जीत के बाद उसके माता पिता उस से मिलने डिब्रूगढ़ जेल गए थे और वहां जेल स्टाफ को मिठाई भी बांटी थी।
रिपोर्ट: मोनी देवी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।