Hindi Newsपंजाब न्यूज़Hunger strike will happen again farmers are adamant to march Delhi Meeting led by retired judge end inconclusive

फिर होगी भूख हड़ताल, दिल्ली कूच के लिए अड़े किसान; रिटायर्ड जज की अगुवाई में भी बैठक बेनतीजा

इस बैठक में किसान नेताओं ने एक बार फिर से केंद्र सरकार को सौंपी गई 12 सूत्रीय मांगें रखीं और कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। किसान नेताओं ने दो टूक कहा कि उनका दिल्ली कूच करने की योजना अभी बरकरार है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, चंडीगढ़Mon, 4 Nov 2024 07:53 PM
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फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)की गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर पिछले साल फरवरी से सड़कों पर बैठे किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए सोमवार को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में एक अहम बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस नवाब सिंह ने की। हालांकि, इस बैठक में किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे किसान नेता सरवन सिंह पंधेर शामिल नहीं हुए लेकिन डल्लेवाल ग्रुप के कई नेता उस मीटिंग में मौजूद थे। पंधेर ने पहले ही मीटिंग में आने से मना कर दिया था जबकि जगजीत सिंह डल्लेवाल अस्वस्थ होने के कारण मीटिंग में शामिल नहीं हो सके।

दिल्ली कूच की योजना बरकरार, भूख हड़ताल का भी ऐलान

इस बैठक में किसान नेताओं ने एक बार फिर से केंद्र सरकार को सौंपी गई 12 सूत्रीय मांगें रखीं और कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। किसान नेताओं ने दो टूक कहा कि उनका दिल्ली कूच करने की योजना अभी बरकरार है। किसान नेता डल्लेवाल ने आगामी लोकसभा सत्र के दौरान भूख हड़ताल शुरू करने का ऐलान किया है। हरियाणा सरकार के अफसरों ने बैठक में कहा कि वह बॉर्डर खोलने के लिए तैयार हैं लेकिन किसान नेता दिल्ली कूच करने की बात से पीछे हटें लेकिन किसान नेताओं ने हरियाणा सरकार की इस बात को सिरे से खारिज कर दिया।

किसानों ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं और बॉर्डर खोला जाता है तो वह दिल्ली कूच जरूर करेंगे। बैठक में पंजाब सरकार के अफसरों ने केंद्र सरकार से पहले की तरह मध्यस्थता करने की बात कही। दरअसल लोकसभा चुनाव से पहले किसान संगठनों की केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ कई दौर की वार्ता हुई थी लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ सकी थी। लिहाजा लोकसभा चुनाव में तीसरी बार मोदी सरकार बनने और अब हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने से मामला अलग हो गया है। अब केंद्र और हरियाणा सरकार किसानों से ज्यादा मोलभाव करने को तैयार नहीं है।

शंभू बॉर्डर पर लगा है किसानों का पक्का मोर्चा, आवाजाही पूरी तरह बंद

फसलों पर MSP की गारंटी सहित तमाम मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन पिछले फरवरी महीने से चला आ रहा है। पंजाब के किसान पहले की तरह से दिल्ली कूच करना चाहते थे जहां सुरक्षा की दृष्टि से हरियाणा सरकार ने शंभू बार्डर पर बेरीकेड्स लगाकर बंद कर दिया है। उसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई, जहां किसानों ने पंजाब की ओर पक्का मोर्चा बना लिया। उसके बाद से शंभू बॉर्डर से आवाजाही पूरी तरह से बंद है। बॉर्डर बंद होने से सबसे ज्यादा नुकसान अंबाला के व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है।

बॉर्डर खुलवाने के लिए व्यापारियों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की शरण ली। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश के दिए थे लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक कमेटी गठित की है जिसकी कई बैठकें हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।

बैठक में हरियाणा-पंजाब के अफसर रहे मौजूद

किसान संगठनों के साथ बैठक में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर, गृह विभाग की सचिव रेनू फुलिया, अंबाला रेंज के आईजी सिबास कविराज, अंबाला के एसपी सुरेंद्र भौरिया, पंजाब के गृह सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह और डीजीपी गौरव यादव सहित दोनों राज्यों के कई अफसर शामिल रहे।

(रिपोर्ट: मोनी देवी)

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