Hindi Newsपंजाब न्यूज़Farmer organizations removed protests from the highway in Punjab agitation will continue

किसान संगठनों ने पंजाब में ​हाईवे से धरने हटाए, आंदोलन रहेगा जारी

  • किसान नेताओं ने कहा कि धान के मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ मुख्यमंत्री की बैठक में हुई बातचीत को सार्वजनिक किया जाए। किसान नेताओं की ओर से मांग रखी गई कि किसानों का पूरा धान खरीद होने तक मंडियों को खुला रखा जाए।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, चंडीगढ़Sun, 27 Oct 2024 08:58 PM
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पंजाब में मंडियों से धान की उठान न होने और डीएपी खाद की कमी के मुद्दे को आंदोलनरत किसानों ने रविवार को पंजाब के मंत्रियों संग बैठक की। खाद्य आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक्क और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह ने बैठक में किसानों को बताया कि एक-दो दिन में धान का उठान रफ्तार पकड़ेगा, किसानों को आगे परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके बाद किसान सभी पांच हाईवे से धरना हटाने का तैयार हो गए हैं, लेकिन हाईवे किनारे अपना धरना जारी रखेंगे। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो वह दोबारा हाईवे जाम कर देंगे।

पंजाब सरकार ने कई मांगों पर सहमति जताई

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और मंजीत सिंह राय ने बताया कि इस मुद्दे को संगठनों ने पुरजोर तरीके से उठाया और सरकार ने माना कि मंडियों में नमी की शर्त पूरी करने के बाद भी कम मूल्य पर बेची गई फसल पर लगाए गए अवैध कट का मुआवजा सरकार आढ़तियों से दिलवाएगी। यदि मूल्यांवर का यह पैसा आढ़ती नहीं देगा तो कार्रवाई करने का भरोसा भी दिया गया है। पंधेर ने कहा कि मंडी बोर्ड द्वारा बताया गया है कि 140 लाख मीट्रिक टन धान के लिए 3850 शैलरों के साथ समझौता किया गया है, जिनमें से 2900 चालू हालत में हैं। किसान नेताओं ने मांग की कि समझौते को समाचार पत्रों में सार्वजनिक किया जाए, जिस पर सरकार द्वारा सहमति दी गई है।

किसान नेताओं ने कहा कि धान के मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ मुख्यमंत्री की बैठक में हुई बातचीत को सार्वजनिक किया जाए। किसान नेताओं की ओर से मांग रखी गई कि किसानों का पूरा धान खरीद होने तक मंडियों को खुला रखा जाए, सरकार ने यह मांग मान ली। गेहूं की बुआई के लिए डी.ए.पी. की कमी को पूरा करने के मुद्दे पर सरकार ने कहा कि सहकारी समितियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि कोई भी सामान्य किसान अपना आधार कार्ड दिखाकर नकद डी.ए.पी. प्राप्त कर सकता है। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार की ओर से 1-2 दिन में स्थिति में सुधार होने के आश्वासन के बाद संगठनों ने सड़क जाम खोलने का फैसला किया है, लेकिन सड़क किनारे धरना जारी रहेगा।

धान की लिफ्टिंग में देरी का मामला हाईकोर्ट में भी पहुंचा

पंजाब में धान की खरीद और लिफ्टिंग न होने के विरोध में किसानों ने पूरे प्रदेश में हाईवे जाम कर दिए थे। अमृतसर-दिल्ली हाईवे, संगरूर-बठिंडा हाईवे, मोगा-फिरोजपुर हाईवे, गुरदासपुर-टांडा हाईवे सहित कई सड़क मार्गों पर किसान डटे थे। इस वजह से ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई थी और लोग खासे परेशान हो रहे थे। वहीं, पंजाब में धान की लिफ्टिंग में हो रही देरी का मामला पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट में भी पहुंच चुका है। वीरवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और भारतीय खाद्य निगम को नोटिस जारी किया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि यदि केंद्र मामले में दखल दे तो धान की लिफ्टिंग की समस्या का समाधान हो सकता है। सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने खरीद में देरी होने पर स्पष्टीकरण दिया। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को इस समस्या का हल निकालने का निर्देश देते हुए 29 अक्तूबर को सुनवाई तय की थी।

रिपोर्ट: मोनी देवी

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