बढ़ सकती हैं अमृतपाल सिंह की मुश्किलें, मर्डर केस में NSA के बाद UAPA भी जोड़ा गया
- सूत्रों ने दावा किया कि चूंकि पुलिस को 90 दिनों की निर्धारित अवधि के भीतर अदालत में चालान (चार्जशीट) पेश करने में कठिनाई हो रही थी, इसलिए उन्होंने आरोपियों को डिफॉल्ट जमानत मांगने से रोकने के लिए यूएपीए लगाने का फैसला किया।
पंजाब पुलिस ने फरीदकोट के हरी नौ गांव के एक सिख कार्यकर्ता की हत्या के मामले में खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह और अन्य आरोपियों के खिलाफ सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) लगाया है। इससे जेल में बंद सांसद की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आपको बता दें कि पिछले साल 10 अक्टूबर को तीन हमलावरों ने हरी नौ गांव में गुरप्रीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में आतंकवादी अर्श दल्ला को भी आरोपी बनाया गया था।
23 अक्टूबर को कोटकपूरा पुलिस ने एफआईआर में बीएनएस की धारा 111 (संगठित अपराध) जोड़ी थी। सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत सांसद अपने नौ साथियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। पुलिस ने दावा किया कि इस मामले में नए खुलासे के बाद उन्होंने यूएपीए लगाया है।
सूत्रों ने दावा किया कि चूंकि पुलिस को 90 दिनों की निर्धारित अवधि के भीतर अदालत में चालान (चार्जशीट) पेश करने में कठिनाई हो रही थी, इसलिए उन्होंने आरोपियों को डिफॉल्ट जमानत मांगने से रोकने के लिए यूएपीए लगाने का फैसला किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह हत्या ‘अशांति पैदा करने और राष्ट्र की सुरक्षा को कमजोर करने की एक सुनियोजित साजिश थी।’
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास सभी आरोपियों को योजनाबद्ध तरीके से कई गैरकानूनी गतिविधियों से जोड़ने वाले पुख्ता सबूत हैं, यही वजह है कि हमने यूएपीए लगाया है।’
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