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जरूरत से ज्यादा तनाव बढ़ा देता है कोर्टिसोल का स्तर, शरीर देने लगता है ये 5 संकेत

Signs of increased cortisol in the body: अगर कोर्टिसोल का स्तर लंबे समय तक अधिक बना रहता है तो इससे व्यक्ति को कई तरह की सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानते हैं अधिक तनाव लेने से व्यक्ति का शरीर क्या संकेत देने लगता है।

Manju MamgainTue, 28 Jan 2025 10:29 PM
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कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने पर शरीर देता है ये 5 संकेत

आजकल के भागदौड़ भरे जीवन में तनाव का हर दूसरे व्यक्ति से चोली -दामन का रिश्ता है। जरूरत से ज्यादा तनाव अगर लंबे समय तक बना रहे तो व्यक्ति का शरीर कुछ खास संकेत देने लगता है। बता दें अधिक तनाव लेने से शरीर में कोर्टिसोल का लेवल बढ़ जाता है। कोर्टिसोल को तनाव हार्मोन के रूप में जाना जाता है। तनाव के दौरान, शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, जिससे शरीर को खतरे से निपटने में मदद मिलती है। लेकिन अगर कोर्टिसोल का स्तर लंबे समय तक अधिक बना रहता है तो इससे व्यक्ति को कई तरह की सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानते हैं अधिक तनाव लेने से व्यक्ति का शरीर क्या संकेत देने लगता है।

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आंखों की रोशनी

लगातार बढ़ता तनाव आपकी आंखों की रोशनी को नुकसान पहुंचा सकता है। हाई कोर्टिसोल लेवल से आंखों पर दबाव बढ़ना, सूखी आंखें, धुंधली दृष्टि , सेंट्रल रोड रेटिनोपैथी, आई बैग या सूजी हुई आंखें जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं।

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लगातार आंख फड़कना

अध्ययनों से पता चला है कि तनाव कोर्टिसोल नामक हार्मोन के स्राव को बढ़ाता है, जो कैफीन की तरह ही काम करके तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है। जिसकी वजह से आंखों के आसपास की छोटी मांसपेशियां तनाव, सिकुड़न या ऐंठन के प्रति बेहद संवेदनशील होकर फड़कने लगती हैं ।

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त्वचा पर दाने और संवेदनशीलता

लंबे समय तक बने रहने वाले तनाव की वजह से त्वचा में सूजन की स्थिति पैदा हो सकती है। कोर्टिसोल का बढ़ा स्तर त्वचा में बनने वाले तेल को बढ़ाकर मुंहासों, एक्जिमा और त्वचा में जलन जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।

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कान में घंटी की आवाज

अगर आपको कानों में बिना किसी वजह के घंटी बजने, भिनभिनाने या फुसफुसाहट की आवाजें सुनाई देती है, तो इसका कारण तनाव हो सकता है। बता दें, तनाव के कारण शरीर में बनने वाला कोर्टिसोल हार्मोन, रक्त प्रवाह और तंत्रिका कार्य को प्रभावित करके टिनिटस के लिए ट्रिगर हो सकता है।

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पाचन संबंधी समस्याएं

कोर्टिसोल हार्मोन शरीर में नमक और पानी का संतुलन बनाता है। कोर्टिसोल हार्मोन के बढ़ने पर कुश‍िंग स‍िंड्रोम की समस्‍या हो सकती है। जिसकी वजह से चेहरे, छाती और पेट पर फैट की मात्रा बढ़ जाती है। इतना ही नहीं कोर्टिसोल का बढ़ता स्तर आंत के बैक्टीरिया को कमजोर करके पाचन तंत्र से जुड़ी कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है।

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बढ़ता घटता वजन

कोर्टिसोल का बढ़ता स्तर कई लोगों के लिए, तनाव की वजह से अधिक खाने और वजन बढ़ाने की वजह बन सकता है। जबकि कई लोगों में तनाव की वजह से भूख गायब हो जाती है, जिससे उनका वजन भी कम होने लगता है।