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चेकबुक से लेकर डेबिट-क्रेडिट कार्ड तक, 1 अक्टूबर से बदल जाएंगे ये 5 नियम

नए महीने यानी अक्टूबर में आम लोगों के जीवन से जुड़े कई नियम बदल जाएंगे। ये नियम पेंशन, चेक बुक, ऑटो डेबिट सुविधा और म्यूचुअल फंड निवेश से...

Deepak KumarTue, 28 Sep 2021 05:29 PM
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rules change from 1 october

नए महीने की शुरुआत होने में अब चंद दिन बचे हैं। नए महीने यानी अक्टूबर में आम लोगों के जीवन से जुड़े कई नियम बदल जाएंगे। ये नियम पेंशन, चेक बुक, ऑटो डेबिट सुविधा और म्यूचुअल फंड निवेश से संबंधित हैं। आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में।

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cheque book rules

चेकबुक: तीन बैंकों के पुराने चेक बुक और मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकग्निशन (MICR) कोड 1 अक्टूबर से अमान्य हो जाएंगे। ये बैंक- ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और इलाहाबाद बैंक हैं। ओरिएंटल बैंक और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में विलय हो गया है। इसके अलावा इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक के साथ विलय हो चुका है।

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auto debit

ऑटो डेबिट सुविधा में बदलाव: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देशों के बाद, बैंक 1 अक्टूबर से क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर ऑटो डेबिट सुविधा में बदलाव करेंगे। अब ग्राहकों की मंजूरी के बिना राशि नहीं काटी जा सकती है। बैंक ग्राहक को राशि काटने से 24 घंटे पहले एक सूचना भेजेंगे और भुगतान ग्राहक की मंजूरी के बाद ही होगा।

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पेंशन के मोर्चे पर ये बदलाव: 1 अक्टूबर से 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के पेंशनभोगी नजदीकी डाकघर में डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करा सकेंगे। देशभर के डाकघरों में जीवन प्रमाण केंद्र होंगे, जहां आप डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र को जमा करा सकते हैं। इसे 30 नवंबर तक जमा कराना जरूरी है।

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rules change 1 october

ट्रेडिंग पर होगा संकट: पूंजी बाजार नियामक सेबी ने डीमैट, ट्रेडिंग खाताधारकों को केवाईसी डिटेल्स अपडेट करने के लिए 30 सितंबर 2021 तक का समय दिया था। कहने का मतलब है कि ये डेडलाइन भी खत्म हो रही है। अगर इस दिन तक केवाईसी डिटेल्स को अपडेट नहीं किया जाता है, तो खाता निष्क्रिय कर दिया जाएगा। इसका असर ये होगा कि खाताधारक शेयर बाजार में कारोबार नहीं कर प

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pension

सैलरी को लेकर नियम: परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों के साथ काम करने वाले जूनियर कर्मचारियों को अपने ग्रॉस सैलरी का 10 प्रतिशत उस फंड में निवेश करना होगा जिसे वे प्रबंधित कर रहे हैं। सेबी के नियमों के अनुसार, यह व्यवस्था 1 अक्टूबर से लागू होगी। यह सीमा अक्टूबर 2023 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दी जाएगी।