Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Why Earthquake tremors felt in delhi NCR NCS Report

प्लेट टेक्टोनिक्स नहीं यह थी दिल्ली में आए भूकंप की वजह, रिपोर्ट में खुलासा

  • भूकंप का केंद्र धौला कुआं के झील पार्क क्षेत्र में पांच किलोमीटर की गहराई में था और वहां कुछ लोगों को भूकंप के बाद तेज आवाजें सुनाई देने की खबरें हैं।

भाषा नई दिल्लीMon, 17 Feb 2025 11:01 PM
share Share
Follow Us on
प्लेट टेक्टोनिक्स नहीं यह थी दिल्ली में आए भूकंप की वजह, रिपोर्ट में खुलासा

दिल्ली में सोमवार सुबह आए भूकंप की वजह सामान्य फॉल्टिंग थी। इसकी जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने एक रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार तड़के दिल्ली में आया भूकंप सामान्य फॉल्टिंग के कारण आया था, जो एक प्रकार की जमीनी हलचल है जो अक्सर भूमिगत जल या नदी के पिछले जमाव से जुड़ी होती है जो चट्टानों को कमजोर करती है। उन्होंने कहा, ये भूकंप प्लेट टेक्टोनिक्स की वजह से नहीं आया।

भूकंप का केंद्र धौला कुआं के झील पार्क क्षेत्र में पांच किलोमीटर की गहराई में था और वहां कुछ लोगों को भूकंप के बाद तेज आवाजें सुनाई देने की खबरें हैं।

उत्तर भारत में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सबसे अधिक भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। भूकंप संभावित दूरस्थ और निकटस्थ स्थानों में भूकंप आने पर भी दिल्ली में झटके महसूस किए जाते हैं।

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के निदेशक ओ.पी. मिश्रा ने कहा कि धौला कुआं क्षेत्र में 2007 में 4.6 तीव्रता का भूकंप आया था। हालांकि, इसका प्रभाव सोमवार के भूकंप जितना तीव्र नहीं था क्योंकि इसका केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में था। दिल्ली को भूकंपीय क्षेत्र-4 में रखा गया है, जो देश में दूसरा सबसे खतरे वाला क्षेत्र है।

हिमालयी भूकंपों के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को मध्यम से उच्च जोखिम वाली भूकंपीय गतिविधि वाला क्षेत्र माना जाता है। हिमालयी क्षेत्र के गढ़वाल में 1803 में 7.5 तीव्रता का भूकंप, उत्तरकाशी में 1991 में 6.8 तीव्रता का भूकंप, चमोली में 1999 में 6.6 तीव्रता का भूकंप, गोरखा में 2015 में 7.8 तीव्रता का भूकंप और हिंदुकुश क्षेत्र में आए कुछ मध्यम भूकंप इसके उदाहरण हैं। इसके निकटस्थ क्षेत्र में 1720 में दिल्ली में 6.5 तीव्रता का भूकंप, मथुरा में 1842 में पांच तीव्रता का भूकंप, बुलंदशहर में 1956 में 6.7 तीव्रता का भूकंप और मुरादाबाद में 1966 में 5.8 तीव्रता का भूकंप शामिल हैं।

मिश्रा ने कहा, सोमवार को आए भूकंप का केंद्र धौला कुआं के झील पार्क में था जो चार तीव्रता का था। यह पांच किलोमीटर की गहराई में था, इसीलिए इसका असर ज्यादा महसूस किया गया।’ भूकंप विज्ञान की दृष्टि से इस क्षेत्र में पहले भी भूकंप आ चुके हैं और यह कोई नया क्षेत्र नहीं है। मिश्रा ने कहा, ‘‘इससे पहले छह किलोमीटर दायरे में 4.6 तीव्रता का भूकंप आया था, लेकिन इसका केंद्र 10 किलोमीटर गहराई में था। यही अंतर है। यह ‘प्लेट टेक्टोनिक’ के कारण आया भूकंप नहीं था, यह भूगर्भीय विशेषताओं में प्राकृतिक रूप से होने वाले बदलाव के कारण आया था।

अगला लेखऐप पर पढ़ें