परीक्षा पास नहीं हुई तो बन गया फर्जी CBI अफसर, दोस्तों के सामने भौकाल दिखाया तो पुलिस ने खोली पोल
- जांच पड़ताल को आगे बढ़ाया तो मालूम चला कि शख्स फर्जी अधिकारी बनकर करीब डेढ़ साल से लोगों को ठग रहा था।
दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा तेज कर दी गई है। पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन इलाके में वाहनों की तलाशी के दौरान पुलिस को एक नकली सीबीआई अधिकारी जाली पहचान पत्र के साथ घूमता हुआ मिला। जांच पड़ताल को आगे बढ़ाया तो मालूम चला कि शख्स फर्जी अधिकारी बनकर करीब डेढ़ साल से लोगों को ठग रहा था।
आधी रात के आसपास, पुलिस ने अलीगढ़ के रजिस्ट्रेशन वाली एक सफ़ेद रंग की सैंट्रो कार को चेक पोस्ट के पास आने से रोका। जब कार की खिड़कियाँ खुलीं, तो उसमें ड्राइवर समेत चार लोग थे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सब इंस्पेक्टर विकास फगेरिया ने कार के कागज़ात मांगे। इस पर ड्राइवर ने खुद को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का सब इंस्पेक्टर बताया। उसने कागज़ात दिखाने के बजाय अपना फ़ोन निकाला और सीबीआई पहचान पत्र की फ़ोटो दिखाई।
एक पल के लिए तो चौकी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने भी उस पर यकीन कर लिया था। डीसीपी वीर ने बताया कि ड्राइवर सीट पर बैठे ललित कुमार नाम के शख्स ने अपने फोन पर सीबीआई आईडी की तस्वीर दिखाई थी। जब पुलिसकर्मी ने पहचान पत्र देखा तो उसे शक हुआ। डीसीपी ने कहा कि इसके बाद पुलिसकर्मियों ने आईडी की प्रामाणिकता की जांच के लिए लोधी कॉलोनी सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई कार्यालय से संपर्क किया। सीबीआई मुख्यालय ने पुष्टि की कि ललित कुमार द्वारा दिखाया गया आईडी कार्ड नकली था।
इसके बाद 25 वर्षीय व्यक्ति को राजौरी गार्डन पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां उस पर फर्जी सरकारी कर्मचारी का रूप धारण करने, धोखाधड़ी के इरादे से सरकारी कर्मचारी की पोशाक पहनने या टोकन रखने तथा दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड में जालसाजी करने का आरोप लगाया गया। पुलिस ने मामले की आगे की जांच की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए टीम का गठन कर दिया है।
डीसीपी वीर ने बताया कि इन जाली दस्तावेजों की मदद से उसने अपने परिवार और दोस्तों को यकीन दिलाया था कि वह सीबीआई में काम कर रहा है। वह अपने प्रमोशन का जश्न मनाने अलीगढ़ से दिल्ली आया था। दोस्तों के सामने अपना भौकाल बनाने के लिए ही वह उन्हें साथ लाया था। पूछताछ में पता चला कि युवक सीबीआई में सब इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती होने के लिए आवश्यक प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने में असफल रहा था और इसलिए शर्मिंदगी से बचने के लिए उसने फर्जी पहचान बनाने का फैसला किया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "ललित कुमार उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के कुशलगढ़ गांव का रहने वाला है। उसने 2021 में ग्रेजुएशन किया था और फिर एसएससी सीजीएल परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी, लेकिन कई बार परीक्षा देने के बाद भी पास नहीं हुआ तो उसने झूठ बोलने का फैसला किया। और फिर उसने अपने परिवार और दोस्तों को बताया कि उसने परीक्षा पास कर ली है और जांच एजेंसी में शामिल हो गया है। अधिकारी ने बताया कि वह अक्सर फर्जी सीबीआई अधिकारी के तौर पर अपने पद का इस्तेमाल करके लाभ भी उठाता था, खासकर अपने जानने वाले लोगों से। जिस वाहन में वह यात्रा कर रहा था, वह उसके एक दोस्त के रिश्तेदार की था।