Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Victory after 36 years in legal battle for house, Delhi High Court gives verdict in favour of DDA flat allottee

'घर' की लड़ाई में 36 साल बाद मिली जीत, दिल्ली हाईकोर्ट ने DDA फ्लैट आवंटी के हक में सुनाया फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले 36 साल से फ्लैट पाने के लिए भटक रहे व्यक्ति को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को निर्देश दिया है कि वह दो महीने के भीतर याचिकाकर्ता को उसी सोसाइटी और उसी वर्ग के फ्लैट का आवंटन करे।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हेमलता कौशिकMon, 12 May 2025 07:08 AM
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'घर' की लड़ाई में 36 साल बाद मिली जीत, दिल्ली हाईकोर्ट ने DDA फ्लैट आवंटी के हक में सुनाया फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले 36 साल से फ्लैट पाने के लिए भटक रहे व्यक्ति को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को निर्देश दिया है कि वह दो महीने के भीतर याचिकाकर्ता को उसी सोसाइटी और उसी वर्ग के फ्लैट का आवंटन करे। हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार कॉपरेटिव सोसाइटी (आरसीएस) को भी कहा है कि वह याचिकाकर्ता के फ्लैट को मंजूरी देकर फाइल डीडीए को भेजे। 

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह एवं जस्टिस रजनीश कुमार गुप्ता की बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि पहले ही याचिकाकर्ता अपने हक के लिए बहुत भटक चुका है। अब और देरी उचित नहीं है। इससे पहले भी दो बार हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि याचिकाकर्ता के पक्ष को सुना जाए, लेकिन प्रतिवादी आरसीएस व डीडीए ने पत्र व्यवहार तो किया, लेकिन कोई पुख्ता अंत पर नहीं पहुंचे। बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपने हक संबंधी तमाम दस्तावेज पेश कर दिए हैं। अब इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि वह सोसायटी में उसी मूल्य पर फ्लैट पाने का हकदार है जिसका भुगतान उसने वर्ष 1989 में कर दिया है।

इस मामले में याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि वह 19 मई 1986 को प्रतिवादी सोसाइटी का सदस्य बना था। 9 मार्च 1987 को सोसायटी द्वारा बिक्री प्रमाण पत्र जारी किया गया। इसके बाद सोसायटी को डीडीए से जमीन मिलने के बाद 15 अप्रैल 1989 में याचिकाकर्ता ने संबंधित सोसाइटी में फ्लैट के लिए दो लाख 15 हजार जमा कराए, लेकिन फ्लैट आवंटित नहीं किया गया।

याचिकाकर्ता ने इससे पहले दो बार हाईकोर्ट का रुख किया, लेकिन हर बार दस्तावेज की जांच के नाम पर मामला आगे नहीं बढ़ा। इस बार बेंच ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट में दस्तावेज पेश करने को कहा। साथ ही आरसीएस और डीडीए को दस्तावेज देते हुए फ्लैट देना का आदेश दिया।

याचिकाकर्ता को अन्य बकाए के भुगतान को कहा

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि वह वर्तमान समय में सोसाइटी के रखरखाव को लेकर जो भी रकम बनती है उसका भुगतान कर दें। उसके बाद आरसीएस अपना मंजूरी पत्र जारी कर देगा और डीडीए अन्य प्रक्रिया पूरी फ्लैट पर उसे कब्जा दे देंगे।

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