दिल्ली के आनंद विहार में प्रदूषण बढ़ने के पीछे ये हैं कई अहम कारण
दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित आनंद विहार शनिवार को सबसे अधिक प्रदूषित स्थान के रूप में चिह्नित किया गया। यहां पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 450 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है।
दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित आनंद विहार शनिवार को सबसे अधिक प्रदूषित स्थान के रूप में चिह्नित किया गया। यहां पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 450 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है। आनंद विहार में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली और उत्तर प्रदेश में जॉइंट ऑपरेशन चलाने की तैयारी है।
आनंद विहार में वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किए जाने पर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को आनंद विहार में प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए उत्तर प्रदेश के साथ जॉइंट ऑपरेशन चलाने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने इलाके में 10 एंटी-स्मॉग गन तैनात की हैं। उन्होंने कहा कि हम धूल प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन लोगों के सहयोग की आवश्यकता है। शुक्रवार को आनंद विहार में एक्यूआई 352 दर्ज किया गया था।
ये हैं कारण : दिल्ली सरकार द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, आनंद विहार में प्रदूषण का मुख्य स्रोत आनंद विहार बस स्टेशन के सामने क्षतिग्रस्त सड़कें, वाहनों के आवागमन से धूल उत्पन्न होना, चौधरी चरण सिंह मार्ग पर जाम की समस्या, सड़क के किनारों पर धूल का जमाव, एनसीआरटीसी कंस्ट्रक्शन साइट प्रोजेक्ट, रेलवे एसटीपी के पास कच्चा क्षेत्र, एकीकृत पूर्वी दिल्ली हब प्रोजेक्ट, रेलवे स्टेशन के निकास पर भीड़ है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने इसके समाधान के लिए डीटीआईडीसी, ट्रांसपोर्ट, एनसीआरटीसी, पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, एनबीसीसी, रेलवे और ट्रैफिक पुलिस विभाग की कोआर्डिनेशन टीम बनाई है।
मंत्री ने कहा- मौसम में बदलाव भी वजह : दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को कहा कि मौसम में बदलाव आने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है और दीवाली के बाद प्रदूषण और बढ़ने की आशंका है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार धूल के प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और इसमें लोगों को सहयोग करना होगा।
स्थिति और बिगड़ने की आशंका : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। यह सुबह 273 दर्ज की गई, जबकि शाम 4 बजे यह 278 दर्ज हुआ। यह आंकड़ा शुक्रवार की अपेक्षा कम है। हालांकि, राजधानी के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता बहुत खराब रही। गोपाल राय ने कहा कि मौसम में बदलाव होने के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है तथा तापमान गिरने के कारण स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ सरकार की ओर से तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ने लोगों से भी सहयोग की अपील की है।
इस बार सही साबित नहीं हो रहे प्रदूषण के पूर्वानुमान
राजधानी के वायु गुणवत्ता की पूर्वानुमान प्रणाली सटीक साबित न होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान प्रणाली (ईडब्ल्यूएस) पिछले कुछ दिनों में गलत साबित हुई है। 13 अक्टूबर को इस प्रणाली द्वारा एयर क्वालिटी इंडेक्स के मध्यम स्तर पर रहने का अनुमान लगाया था, लेकिन यह खराब स्तर पर चली गई। इसी तरह 14 अक्टूबर को भी करीब यही स्थिति रही, जब सुधार की उम्मीद थी, लेकिन वायु गुणवत्ता ठीक होने के बजाय और बिगड़ गई। ज्ञात हो कि यह प्रणाली 2018 में शुरू की गई थी, लेकिन इसके बार-बार गलत अनुमान से प्रशासन को समय पर कदम उठाने में कठिनाई होती है, जिससे नागरिकों को नुकसान उठाना पड़ता है।