रोज 125 करोड़ ठगी का टारगेट, विदेश में ट्रेनिंग; CBI-GST अफसर बन डिजिटल अरेस्ट कर लगाते थे चूना
डिजिटल अरेस्ट कर देशभर के 101 लोगों से करीब 70 करोड़ रुपये ठगने वाले 11 जालसाज सीबीआई और जीएसटी का अधिकारी बताकर लोगों से ठगी करते थे। गिरफ्तार आरोपी कम्बोडिया भी जा चुके हैं। वहां उन्होंने जालसाजी करने की एक महीने की ट्रेनिंग भी ली थी।
डिजिटल अरेस्ट कर देशभर के 101 लोगों से करीब 70 करोड़ रुपये ठगने वाले 11 जालसाज सीबीआई और जीएसटी का अधिकारी बताकर लोगों से ठगी करते थे। हरियाणा की पलवल पुलिस के अनुसार, इस गैंग से जुड़े जालसाजों को सरगना की ओर से रोजाना सवा सौ करोड़ रुपये तक की ठगी करने का टारगेट दिया गया था। इसको लेकर रोजाना स्काईपऐप और सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों से मीटिंग भी होती थी।
साइबर थाना पलवल के प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी कम्बोडिया भी जा चुके हैं। वहां उन्होंने जालसाजी करने की एक महीने की ट्रेनिंग भी ली थी। सभी 12वीं और ग्रेजुएट हैं। इन आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस की टीम को करीब 15 से 20 दिन लग गए। गिरफ्तार आरोपी अश्वनी उर्फ लुसी, सोनु कुमार पासवान, रजत वर्मा, उत्कर्ष, अविश, नीरज कुमार, संजीव कुमार एवं शिवाजी मोर्या को उत्तर प्रदेश और तीन ठग-मनोज, सचिन उपाध्याय एवं यश दुबे को मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में सामने आया है कि सभी एक-दूसरे को जानते हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे से संपर्क में रहते थे। आपस में बात करने के लिए ज्यादातर वॉट्सऐप कॉलिंग करते थे। इनका ग्रुप कॉलिंग भी होता था। कॉलिंग के लिए सिम कार्ड का इस्तेमाल कभी-कभार ही करते थे, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि वह सिम कार्ड के माध्यम से कॉलिंग पर वह पकड़े जाएंगे।
कम्बोडिया में अदालत, थाने का सेटअप बनाया : जांच में सामने आया है कि मामले में चीन के नागरिक संलिप्त हैं। वह कम्बोडिया में बैठकर गिरोह चला रहे हैं। इसके अलावा भारत में रह रहे कुछ चीन नागरिक जालसाजी में सक्रिय हैं। वह बेरोजगारों को रोजगार का झांसा देकर फर्जी तरीके से बैंक खाता, सिम कार्ड आदि लेते हैं। इसके बाद कम्बोडिया में बैठे अपने सरगना को भेज रहे हैं। इंस्पेक्टर नवीन ने बताया कि जांच में समाने आया है कि कम्बोडिया में भारती में स्थित सरकारी विभागों का सेटअप तैयार किया गया है। वहां अदालत, पुलिस थाना आदि का रूप देकर कमरा तैयार किया गया है। पुलिस की वर्दी समेत जज और वकील के पोशाक भी उनके पास हैं। ठगी के दौरान वीडियो कॉलिंग पर वह पुलिस, सीबीआई, जज, वकील आदि की ड्रेस में नजर आते हैं।
चीनी और अंग्रेजी जानते हैं आरोपी : पुलिस के अनुसार, सभी आरोपी चीनी, कम्बोडियन और अंग्रेजी भाषा के अच्छे जानकार हैं। जांच में पता चला कि कम्बोडिया में झारखंड, बिहार आदि राज्यों के युवक सरगना के पास स्थायी रूप से काम कर रहे हैं। वह कम्बोडिया में रह रहे हैं।
एक माह में 101 लोगों से ठगी
अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों के पास से 31 फोन, पांच डेबिट कार्ड, आठ चेक बुक के अलावा करीब 12 बैंक खाते मिले हैं। खातों की जांच में पाया गया कि वे फर्जी तरीके से खोले हैं। करीब एक महीने में ही आरोपियों ने देशभर के करीब 101 लोगों से 70 करोड़ रुपये की ठगी की है। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने की कोशिश में है। पुलिस को आशंका है कि आरोपियों का बैंक कर्मचारी-अधिकारियों से भी साठगांठ होगी। ऐसे में संलिप्त बैंक अधिकारी-कर्मचारियों की भी तलाश की जा रही है।
गिरोह के देशभर में 200 से अधिक ठग सक्रिय
पलवल साइबर थाना के प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले गिरोह के देशभर में सैकड़ों सदस्य सक्रिय हैं। उनमें से अधिकांश का काम फर्जी तरीके से बैंक खाता संख्या और सिम कार्ड उपलब्ध कराना है, जिन्हें वे सरगना को देते हैं। आशंका है कि देशभर में गिरोह से जुड़े दो सौ से अधिक जालसाज जुड़े हैं।
कारोबारी-डॉक्टर को बनाते थे निशाना
पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी पहले फर्जी अधिकारी बनकर पीड़ित को कॉल करते हैं। जालसाज ज्यादातर टारगेट कारोबारी या डॉक्टर को बनाते हैं। इनका मानना होता है कि कारोबारी और डॉक्टर कामों में व्यस्त और समय के अभाव के चलते सोशल मीडिया, समाचार पत्र, न्यूज चैनल आदि से दूर रहते हैं। ऐसे में ये सॉफ्ट टारगेट रहते हैं।