सुप्रीम कोर्ट से NCLAT को झटका, एनबीसीसी को सुपरटेक के 16 प्रोजेक्ट देने के आदेश पर लगाया स्टे
सुप्रीम कोर्ट से एनसीएलएटी को झटका लगा है। कोर्ट ने सुपरटेक के 16 प्रोजेक्टों को एनबीसीसी को देने के एनसीएलएटी के आदेश पर स्टे लगा दिया है। अदालत ने नए सिरे से सुपरटेक और अन्य कंपनियों से 16 प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं।
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सुप्रीम कोर्ट से एनसीएलएटी को झटका लगा है। कोर्ट ने सुपरटेक के 16 प्रोजेक्टों को एनबीसीसी को देने के एनसीएलएटी के आदेश पर स्टे लगा दिया है। अदालत ने नए सिरे से सुपरटेक और अन्य कंपनियों से 16 प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं। सुपरटेक ने दावा किया है कि वह 12 से 24 महीने में 20 हजार लोगों को घर दे देगी जिसका प्रस्ताव उसके पास तैयार है। 12 दिसंबर 2024 को एनसीएलएटी ने सभी प्रोजेक्टों को पूरा करने की जिम्मेदारी एनबीसीसी को सौंपी थी। मार्च 2025 तक औपचारिकता पूरी कर ली गई थीं। मई 2025 तक एनबीसीसी को इन प्रोजेक्टों पर काम शुरू करना था।
पिछले साल राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी को सुपरटेक लिमिटेड की करीब 9,500 करोड़ रुपये की लागत वाली 16 आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए परियोजना प्रबंधन सलाहकार नियुक्त किया था। एनसीएलएटी ने एनबीसीसी को 16 परियोजनाओं के लिए 31 मार्च, 2025 से पहले काम आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा था। उसके बाद एक महीने के अंदर कॉन्ट्रैक्ट देने और एक मई, 2025 से निर्माण शुरू करने का निर्देश दिया है। इन परियोजनाओं के तहत उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और कर्नाटक में 49,748 मकान हैं।
इसके अलावा, एनसीएलएटी ने एक शीर्ष समिति (एपेक्स कोर्ट कमेटी) और हर परियोजना के लिए अलग-अलग समिति (कोर्ट कमेटी) के गठन का भी निर्देश दिया था। अपीलीय न्यायाधिकरण की दो सदस्यीय पीठ ने अपने आदेश में कहा था प्रत्येक परियोजना के लिए समितियों में, एनबीसीसी भी एक सदस्य को नामांकित करेगा।