हालात बदतर होते जा रहे; चाइल्ड ट्रैफकिंग पर SC ने दिल्ली पुलिस से पूछा-आप क्या कर रहे?
सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों की तस्करी के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है। कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि हालात बदतर होते जा रहे हैं। इसी के साथ कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि चाइल्ड टैफिकिंग में शामिल अपराधियों के खिलाफ क्या कदम उठाए गए हैं।

देश में आए दिन बच्चों के लापता होने की खबरें आती हैं। इनमें से कई चाइल्ड ट्रैफिकिंग का शिकार हो जाते हैं। इस बीच अब सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों की तस्करी के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस ने भी पूछा है कि इस मामले में वे क्या कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि हालात बदतर होते जा रहे हैं। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि चाइल्ड टैफिकिंग में शामिल अपराधियों के खिलाफ क्या कदम उठाए गए हैं।सुप्रीम कोर्ट ने पूछ कि दिल्ली के अंदर और बाहर नवजात शिशुओं का अपहरण करने और उन्हें बेचने में शामिल गैंग के मुद्दे की जांच के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, वे (बाल तस्करी गैंग) समाज के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। बच्चों की खरीद-फरोख्त बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। आपको नहीं पता कि वे कहां पहुंच जाते हैं। अगर बच्चा कोई लड़की है तो आपको पता है कि वह कहां पहुंच जाएगी। यह बहुत गंभीर स्थिति है। इसी के साथ कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को किडनैप किए गए नवजात शिशुओं को ढूंढने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने कहा, दुर्भाग्य से, शिशुओं के माता-पिता ने अपने ही बच्चों को बेच दिया है। पीठ ने कहा, आपको किसी भी कीमत पर इन लापता बच्चों को ढूंढना होगा और सरगना को गिरफ्तार करना होगा।
शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को एक अन्य मामले में अंतर-राज्यीय बाल तस्करी रैकेट के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। इसके बाद कोर्ट उस मामले में 13 आरोपियों को दी गई जमानत रद्द कर दी । शीर्ष अदालत ने सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि तस्करी किए गए बच्चों को बच्चों के मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के प्रावधानों के अनुसार स्कूलों में दाखिला मिले और शिक्षा के लिए लगातार समर्थन दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत में तस्करी के कई रूप हैं - प्रत्येक रूप अलग-अलग राज्यों में प्रचलित है। कोर्चिंट ने कहा, चिंता की बात यह है कि ये समस्या तेजी से बढ़ रही है।
अदालत ने कहा कि तस्करी के बदलते पैटर्न नेतस्करों, उनके काम करने के तरीके, पीड़ितों के साथ छेड़छाड़ और आपराधिक न्याय प्रणाली की सीमाओं के बारे में उनकी समझ में बदलाव लाया है।
पीटीआई से इनपुट