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दिल्ली में जल्द शुरू होगी प्रीमियम बस सर्विस, सरकार ने इन दो कंपनियों को दिए लाइसेंस, क्या-क्या मिलेगी सुविधा

दिल्ली सरकार ने उबर और आवेग को दिल्ली में प्रीमियम बस सर्विस के संचालन की अनुमति दे दी है। जल्द ही ये लग्जरी बसें राजधानी की सड़कों पर दौड़ेंगी। इसमें यात्रियों को कई सुविधाएं दी जाएंगी।

Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 16 May 2024 01:50 PM
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दिल्ली में जल्द ही प्रीमियम बस सर्विस शुरू होने वाली है। सरकार ने उबर और आवेश ऑपरेटर्स को इसके लिए लाइसेंस दे दिया है। उबर के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कंपनी जल्द ही राजधानी में सेवाएं देना शुरू कर देगी। वहीं आवेग के सीईओ विवेक लारोइया ने कहा कि वे लोकसभा चुनाव के बाद सेवा शुरू करेंगे। कंपनी का फोकस कमर्शियल सेंटर्स को कनेक्ट करना है। पिछले साल नवंबर में सरकार ने प्रीमियम बस सेवा को नोटिफाई (अधिसूचित) किया था। जिसके तहत निजी कंपनियों को वातानुकूलित लग्जरी पब्लिक सर्विस देने की अनुमति दी गई थी।

क्या-क्या मिलेंगी सुविधाएं

प्रीमियस बसों में सफर करने वाले लोगों को कई आधुनिक सेवाएं मिलेंगी जैसे- वाईफाई, जीपीएस, पैनिक बटन, रिक्लाइनिंग सीट। बस में नौ लोगों से ज्यादा के बैठने की क्षमता नहीं होगी। इस सर्विस को शुरू करने का मकसद लोगों को कार का उपयोग छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना है। वर्तमान में मौजूद पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे डीटीसी बसें और दिल्ली मेट्रो में बहुत भीड़ है। जिसके कारण लोग अपनी कार से आने-जाने का विकल्प चुनते हैं और जो शहर की हवा को प्रदूषित करने का एक कारण भी है। 

एक हफ्ते पहले हो सकेगी बुकिंग

उबर के एक अधिकारी ने कहा कि लोग उबर ऐप के जरिए बस राइड बुक कर सकेंगे। उन्होंने कहा, 'प्रीमियम बसें चलाने का लाइसेंस देने वाला दिल्ली पहला राज्य है।' यात्री एक हफ्ते पहले अपनी सीट प्री-बुक कर सकते हैं। वे बस की लाइव लोकेशन और रूट का पता लगाने के साथ ही उसके आने के अपेक्षित समय को भी जान सकते हैं। उबर 2023 से कोलकाता में शटल सर्विस दे रहा है। उबर शटल, भारत के हेड अमित देशपांडे ने कहा, 'हम एक ऐसा बिजनेस बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हर भारतीय की मोबिलिटी जरूरतों को पूरा करेगा।'

परिवहन विभाग लाइसेंस कर सकता है रद्द

यदि एग्रीगेटर्स यात्री सुरक्षा मानदंडों और अन्य नियमों का पालन नहीं करते हैं तो परिवहन विभाग उनका लाइसेंस रद्द कर सकता है। इसके अलावा विभाग एक रेगुलेटर (नियामक) की भूमिका निभाएगा। ऑपरेटर्स को न्यूनतम 25 प्रीमियम बसों के फ्लीट का संचालन और रखरखाव करना होगा, जिसे लाइसेंस मिलने के दिन से 90 दिनों के अंदर चालू किया जाना होगा। सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि केवल प्री-बुक डिजिटल टिकटिंग की अनुमति होगी और किराया केवल इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल मोड के जरिए लिया जाएगा।

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