यमुना एक्सप्रेसवे पर और अधिक समय तक देना पड़ सकता है टोल टैक्स, जानिए इसकी वजह
'सुरक्षा' कंपनी ने अपने प्रस्ताव में टोल वसूली का समय बढ़ाने, टोल शुल्क बढ़ाने, किसानों को दिया जाने वाला अतिरिक्त मुआवजा किस्तों में देने, करीब 79 एकड़ जमीन पर कब्जा देने की बात कही है।
जेपी इंफ्राटेक कंपनी को टेकओवर कर रही 'सुरक्षा' कंपनी के प्रस्ताव को अपनाने पर होने वाले नफा-नुकसान का यमुना प्राधिकरण आंकलन करेगा। 'सुरक्षा' ने अपने प्रस्ताव में टोल वसूली का समय बढ़ाने, टोल शुल्क बढ़ाने, किसानों को दिया जाने वाला अतिरिक्त मुआवजा किस्तों में देने, करीब 79 एकड़ जमीन पर कब्जा देने की बात कही है। अगर 'सुरक्षा' के प्रस्ताव को माना जाता है तो लोगों को यमुना एक्सप्रेसवे पर और अधिक समय तक टोल टैक्स देना पड़ सकता है।
यमुना एक्सप्रेसवे का निर्माण जेपी इंफ्राटेक कंपनी ने किया है। इसका निर्माण करने के बदले सरकार ने जेपी इंफ्रा को 500-500 हेक्टेयर की पांच एलएफडी (लैंड फॉर डेवलपमेंट) दी थी। एक एलएफडी नोएडा में है, जिसमें कई हाउसिंग प्रोजेक्ट हैं। इसमें कई अधूरे हैं और 20 हजार खरीदार फंसे हैं। इन एलएफडी और यमुना एक्सप्रेसवे के लिए जमीन देने वाले किसानों को अतिरिक्त मुआवजा दिया जाना है। करीब 10 हजार किसानों को 1600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुआवजा मिलना है।
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एनसीएलटी ने सुरक्षा के जिस प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी, उसमें अतिरिक्त मुआवजा के रूप में केवल 10 लाख रुपये देने की बात कही गई है। इस फैसले के खिलाफ यमुना विकास प्राधिकरण ने एनसीएएलटी में अपील की। गत 25 अप्रैल को हुई सुनवाई में एनसीएएलटी ने अतिरिक्त मुआवजे पर दोनों पक्षों से जवाब मांगा है। अब इस मामले की सुनवाई 29 मई को होगी।
यीडा के साथ 'सुरक्षा' ने इन बिंदुओं पर चर्चा की : अतिरिक्त मुआवजे पर 'सुरक्षा' और यमुना प्राधिकरण के बीच गुरुवार को बैठक हुई। सुरक्षा अतिरिक्त मुआवजा देने को तैयार हो गई है, लेकिन इसके साथ ही कुछ शर्तें रख दी हैं। जेपी इंफ्राटेक और सरकार के बीच हुए करार में यमुना एक्सप्रेसवे पर 36 साल तक टोल वसूली करनी है। अब सुरक्षा ने टोल वसूली का समय 15 साल और बढ़ाने और टोल दर बढ़ाने की मांग की है। एलएलडी में अभी 79 एकड़ जमीन नहीं मिल पाई है। यह जमीन देने की बात कही है। साथ ही, अतिरिक्त मुआवजा किस्तों में देने की बात कही है। आवासीय परियोजना में एफएआर बढ़ाने की मांग की है।
प्रस्ताव के बारे में कंपनी 30 दिन में रिपोर्ट देगी
यमुना प्राधिकरण 'सुरक्षा' के प्रस्ताव का आकलन कराएगी। अगर प्राधिकरण सभी प्रस्ताव मानता है तो उसे आर्थिक नुकसान तो नहीं होगा। इसके लिए करी एंड ब्राउन कंपनी का चयन किया गया है। यह कंपनी 30 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। एजेंसी को किन-किन बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट देनी है, उसे बता दिया गया है। यह रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। अगर टोल बढ़ाने का प्रस्ताव यमुना प्राधिकरण मानता है तो लोगों को तय समय से अधिक समय तक टोल देना पड़ सकता है।
यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे और एलएफडी के किसानों को अतिरिक्त मुआवजा समेत कई बिंदुओं को लेकर एनसीएएलटी में अपील की थी। अब 29 मई को सुनवाई है। सुरक्षा ने अतिरिक्त मुआवजा समेत कई मुद्दों पर चर्चा की है। इस पर गंभीरता के साथ विचार किया जा रहा है।