20000 घर खरीदार और 10 हजार किसानों को राहत देने की तैयारी, सुरक्षा कंपनी ने यमुना प्राधिकरण को सौंपा प्लान
जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण कर रही सुरक्षा रियल्टी लिमिटेड ने यमुना प्राधिकरण को अपना प्लान सौंप दिया है। प्राधिकरण को इस प्लान से होने वाले नफा-नुकसान का आकलन कैरी एंड ब्राउन कंपनी से कराया जा रहा है।
जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण कर रही सुरक्षा रियल्टी लिमिटेड ने यमुना प्राधिकरण को अपना प्लान सौंप दिया है। प्राधिकरण को इस प्लान से होने वाले नफा-नुकसान का आकलन कैरी एंड ब्राउन कंपनी से करवाया जा रहा है। 25 अगस्त को दोनों पक्ष समझौता पत्र एनसीएएलटी में रखेंगे। इस पर होने वाले फैसले से 20 हजार घर खरीदारों और 10 हजार किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है।
जेपी इंफ्राटेक ने यमुना एक्सप्रेसवे का निर्माण किया है। इसके लिए सरकार के साथ 36 साल का कॉन्ट्रैक्ट हुआ है। इसके साथ पांच एलएफडी (लैंड फॉर डेवलपमेंट) 500-500 हेक्टेयर की मिली हैं। इसमें हाउसिंग सोसाइटी भी हैं। इसमें करीब 20 हजार फ्लैट खरीदार फंसे हैं। साथ ही, ग्रेटर नोएडा से लेकर आगरा तक करीब 10 हजार किसानों को 64.7 प्रतिशत का अतिरिक्त मुआवजा मिलना है।
अब यह कंपनी दिवालिया हो गई है। मामला एनसीएलटी में चला और इस कंपनी को सुरक्षा को अधिग्रहण करने की अनुमति मिल गई है। सुरक्षा ने अपना प्लान एनसीएएलटी में जमा किया है। इस प्लान पर यमुना प्राधिकरण को आपत्तियां हैं। अब दोनों पक्ष समझौते के करीब हैं। इस मामले की 25 अगस्त को सुनवाई है। इस दिन इस मामले में अंतिम फैसला होने की उम्मीद है।
किसानों को अतिरक्त मुआवजा देने को राजी : सुरक्षा कंपनी पहले किसानों को अतिरिक्त मुआवजा नहीं देना चाहती थी। यह पैसा 1689 करोड़ रुपये है। अब वह यह पैसा देने को तैयार है। कंपनी घर खरीदारों के 200 करोड़ रुपये के क्लेम और 330 करोड़ के थर्ड पार्टी के क्लेम देने को भी तैयार है। यमुना प्राधिकरण को सौंपे अपने प्लान में कंपनी ने सरकार से कॉन्ट्रैक्ट के तहत बची 79 एकड़ जमीन मांगी है। आवासीय परियोजनाओं में विलंब शुल्क माफ करने, सोसाइटी में लगे वाटर चार्ज को माफ करने और कर्ज के बदले बैंकों को जमीन सबलीज करने की मांग की गई है। यमुना प्राधिकरण को सुरक्षा कंपनी का प्लान मिल गया है जिसका आकलन कराया जा रहा है।
टोल वसूली का समय और एफएआर बढ़ाने की मांग
सुरक्षा कंपनी इस परियोजना में फंसे 20 हजार खरीदारों को घर देने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए एफएआर बढ़ाने की मांग की है। इसमें 1.5 एफएआर है, जबकि वह 2.75 एफएआर चाहती है। इस पर दोनों पक्ष लगभग सहमत हैं। यमुना प्राधिकरण इसका परीक्षण करा रहा है। सुरक्षा कंपनी परियोजना को पूरा करने के लिए 15 साल का टोल वसूली समय बढ़वाना चाहती है।