Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Supreme Court seeks Centre and Delhi govt replies on plea of Sukesh Chandrashekhar and his wife Leena Paulose for shifting them from Mandoli jail

सुकेश चंद्रशेखर ने की मंडोली जेल से शिफ्ट करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर द्वारा बार-बार याचिका दायर करने पर नाखुशी जताते हुए कहा कि वादी खर्च उठा सकता है तो इसका ये मतलब नहीं है कि वह अदालत में कई याचिकाएं दायर कर सकता है।

Praveen Sharma नई दिल्ली | भाषा, Tue, 22 Nov 2022 08:03 AM
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सुप्रीम कोर्ट ने कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर द्वारा बार-बार याचिका दायर करने पर नाखुशी जताते हुए कहा कि वादी खर्च उठा सकता है तो इसका ये मतलब नहीं है कि वह अदालत में कई याचिकाएं दायर कर सकता है। सुकेश चंद्रशेखर और उसकी पत्नी कथित मनी लॉन्ड्रिंग और कई लोगों को ठगने के आरोप में जेल में बंद हैं। 

चंद्रशेखर और उसकी पत्नी लीना पॉलोज की दो याचिकाएं सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सूचीबद्ध की गईं, जिनमें से एक में उन्होंने अपनी जान को खतरा होने का दावा करते हुए दिल्ली की मंडोली जेल से शिफ्ट करने का अनुरोध किया। उनके वकील ने कहा कि सुकेश पर जेल में हमला किया गया था और वे अंडमान और निकोबार सहित देश की किसी भी अन्य जेल में जाने को तैयार हैं।

दूसरी याचिका हुई खारिज

जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने याचिका पर एक सप्ताह के भीतर केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। हालांकि, बेंच ने सुकेश और उसकी पत्नी की दूसरी याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने हर दिन अपने वकीलों के साथ 60 मिनट मुलाकात और जेल अधिकारियों को एक आवेदन करने की छूट की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने 23 अगस्त को आदेश दिया था कि सुकेश और उसकी पत्नी को तिहाड़ जेल से दिल्ली की मंडोली जेल में शिफ्ट किया जाए। शीर्ष अदालत ने यह आदेश दंपति द्वारा दायर एक याचिका पर पारित किया था जिसमें उनके जीवन को खतरे का आरोप लगाया गया था और दिल्ली के बाहर एक जेल में शिफ्ट करने का अनुरोध किया गया था।

मंडोली जेल में सुकेश के साथ मारपीट का दावा

नई याचिका में सुकेश और उसकी पत्नी ने अपने वकील अशोक के सिंह के जरिए दावा किया कि मंडोली जेल में सुकेश के साथ मारपीट की गई। उन्होंने दावा किया कि यह उसके मेडिकल रिकॉर्ड से स्पष्ट है और वे यहां जेल में अपने जीवन के लिए खतरे का सामना कर रहे हैं।

बेंच ने सिंह से कहा, ''यह क्या है? आपका मुवक्किल हर महीने याचिका दायर कर रहा है। पिछले महीने, हमने उसकी याचिका खारिज कर दी थी और अब उसने फिर से दायर की है। हम इस पर विचार नहीं कर सकते।''

बार-बार याचिकाएं दायर करने से कोर्ट नाखुश

बेंच ने कहा, ''वादी खर्च उठा सकता है तो इसका ये मतलब नहीं है कि वह अदालत में कई याचिकाएं दायर कर सकता है। सिर्फ इसलिए कि वह वरिष्ठ वकीलों की सेवाएं ले सकता है, वह कई याचिकाएं दायर कर रहा है।''

वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को अदालत का रुख करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उसे मंडोली जेल में शिफ्ट कर दिया गया, जहां उसके साथ मारपीट की गई।

वकील ने मीडिया की खबरों का जिक्र करते हुए कहा कि सुकेश के खुलासे वाले बयान के कारण दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के आदेश पर 82 जेल अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं को अपनी जान का खतरा है।

वकील ने कहा, ''कृपया उन्हें अंडमान और निकोबार सहित देश की किसी भी जेल में शिफ्ट करने का निर्देश दें, वे अदालत के निर्देश पर जाने को तैयार हैं।''

इस पर बेंच ने कहा कि अगर वह सुकेश को पंजाब या देश की किसी अन्य जेल में शिफ्ट करने का निर्देश देती है तो भी स्थिति समान रहेगी।

हर रोज वकील से एक घंटे की मुलाकात चाहता है सुकेश

दूसरी याचिका में, वकील ने दिल्ली कारागार नियमों का हवाला देते हुए कहा कि उनका मुवक्किल सप्ताह में दो बार एक वकील के साथ 30 मिनट की मुलाकात का हकदार है, लेकिन चूंकि उसके खिलाफ छह शहरों में 28 मामले हैं, इसलिए उसके वकील उन पर चर्चा करने में सक्षम नहीं हैं।

बेंच ने पूछा कि क्या इस संबंध में जेल अधिकारियों को कोई आवेदन दिया गया है, जिस पर सिंह ने कहा कि उन्होंने पटियाला हाउस कोर्ट में एक आवेदन दिया है, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया और इसलिए वे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आए हैं।

वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को विभिन्न शहरों में कई मामलों के कारण हर दिन एक घंटे मुलाकात की जरूरत है। बेंच ने कहा, ''आप जेल में वीआईपी सुविधा नहीं ले सकते। आप किसी अन्य कैदी की तरह हैं। नियमों और जेल नियमावली का पालन करना होगा। यदि आप कोई छूट चाहते हैं, तो आप पहले अधिकारियों को आवेदन दें।'' 

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