रेवाड़ी गैंगरेप केस : पीड़िता की पहचान उजागर करने से सुप्रीम कोर्ट नाराज
सुप्रीम कोर्ट ने रेवाड़ी गैंगरेप मामले की पीड़िता की पहचान उजागर करने को लेकर मीडिया से गहरी नाराजगी जताते हुए मंगलवार को कहा कि इस मामले में नियमों की अनदेखी की गई। जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस...
सुप्रीम कोर्ट ने रेवाड़ी गैंगरेप मामले की पीड़िता की पहचान उजागर करने को लेकर मीडिया से गहरी नाराजगी जताते हुए मंगलवार को कहा कि इस मामले में नियमों की अनदेखी की गई।
जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बैंच ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की सुनवाई के दौरान कहा कि पीड़िता की पहचान उजागर करके नियमों की अनदेखी की गई है, इसका जिम्मेदार कौन है?
जस्टिस लोकुर ने कहा कि लड़की की पढ़ाई से संबंधित बात बताई गई, इससे उसकी पहचान करना मुश्किल नहीं है। मीडिया को इससे रोकने के लिए क्या किया जा सकता है? इस पर अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि राज्य सरकार और टीवी चैनलों को नोटिस जारी करके पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्यों किया? हालांकि, कोर्ट ने इस संबंध में फिलहाल कोई आदेश नहीं दिया।
न्यूज एजेंसी वार्ता के अनुसार, इस बीच, मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को सीलबंद लिफाफे में स्टेटस रिपोर्ट सौंपी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पटना हाईकोर्ट के 29 अगस्त के आदेश पर रोक लगा दी।
टॉपर गैंगरेप: महापंचायत बोली- कोई भी वकील आरोपियों की नहीं करेगा मदद
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई की जांच के लिए नई टीम बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है। ऐसा करने से जांच प्रभावित होगी और पीड़िता के हितों को भी नुकसान पहुंचेगा।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने अपने 29 अगस्त के आदेश में सीबीआई की मौजूदा टीम को भंग करके नई टीम के गठन को कहा था।