Hindi Newsएनसीआर न्यूज़so far 3 innocent people have been killed due to attack on delhi ganster wasim shocking revelation in GTB hospital firing case

बदमाश वसीम पर हमले के कारण मारे गए अब तक 3 बेगुनाह, GTB अस्पताल फायरिंग मामले में चौंकाने वाला खुलासा

दिल्ली पुलिस का दावा है कि जीटीबी अस्पताल में हुए हमले से पहले 12 जून को भी बदमाश वसीम पर गोलीबारी हुई थी, जिसमें फुटपाथ पर सो रहे दो बुजुर्गों की चपेट में आने से जान गई थी।

Praveen Sharma नई दिल्ली। रजनीश कुमार पाण्डेय, Tue, 16 July 2024 06:01 AM
share Share
Follow Us on

दिल्ली के एक बदमाश वसीम के लिए छिड़ी गैंगवार में अब तक 3 बेगुनाहों की जानें जा चुकी हैं। रविवार को पूर्वी दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में भर्ती मरीज रियाजुद्दीन की हत्या कर दी गई थी। सोमवार को बड़ा खुलासा हुआ कि 12 जून को भी वसीम पर वेलकम इलाके में हमला हुआ था, जिसमें वसीम समेत 70 वर्षीय दो बुजुर्ग गोलीबारी में घायल हो गए थे। उसके बाद से ही वसीम इलाज के लिए जीटीबी अस्पताल में भर्ती है, जबकि दोनों बुजुर्गों की मौत हो गई।

पुलिस के अनुसार, घटना के समय दोनों बुजुर्ग शरीफ व सुल्तान फुटपाथ पर सो रहे थे और गैंगवार की चपेट में आ गए। इस दौरान वसीम का एक साथी आसिफ भी घायल हो गया था। गोलीबारी करने वाले 3 बदमाशों फैजान, मोहसिन व जुनैद को उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तब वसीम बच गया था और उसका जीटीबी अस्पताल में इलाज चल रहा था। इसी के चलते उस पर दोबारा हमला किया गया।

ऐसे धोखा खा गए हमलावर : जीटीबी अस्पताल के वार्ड संख्या 24 में रियाजुद्दीन के अलावा वसीम का भी इलाज चल रहा था। वसीम के पेट में गोली लगी थी और रियाजुद्दीन को पेट में इन्फेक्शन के चलते सर्जरी की गई थी। दोनों के पेट पर पट्टी बंधी हुई थी। इसके साथ ही वार्ड संख्या 24 के दोनों तरफ एक-एक बाथरूम है। आरोपियों ने अस्पताल में किसी से वसीम के बारे में पूछा तो उसने बाथरूम के बराबर का बेड बताया, लेकिन जब आरोपी वार्ड में पहुंचे तो वहां उन्होंने पहले बाथरूम को छोड़कर दूसरे बाथरूम की बराबर में लगे बिस्तर पर भर्ती मरीज पर हमला कर दिया। इस दौरान नर्सिंग स्टाफ की एक कर्मचारी रियाजुद्दीन की मरहम-पट्टी कर रही थी।

आरोपियों ने उन्हें धक्का देने के बाद रियाजुद्दीन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। अस्पताल पहुंचे आरोपी फैजान, मोइन और 18 वर्षीय एक लड़का शामिल होने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि उसी लड़के ने रियाजुद्दीन पर गोलियां चलाईं। हालांकि, पुलिस अभी इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। एक टीम जांच में जुटी हुई है।

नाबालिग हो सकता है गोली चलाने वाला आरोपी : वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वह लड़का नाबालिग भी हो सकता है, इसलिए उसके नाम का खुलासा नहीं किया गया है। गौरतलब है कि वसीम और उसके साथी आसिफ पर गत 12 जून को हाशिम बाबा गैंग से दुश्मनी के चलते ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हमला किया गया था। इसमें दोनों बुजुर्गों की जान चली गई थी, जबकि चार गोलियां लगने के बाद भी वसीम की जान बच गई। सूत्रों के अनुसार, यह वारदात भी समीर बाबा के इशारे पर की गई थी। पुलिस इस दिशा में भी जांच आगे बढ़ा रही है। इसी

अस्पताल में भर्ती वसीम की सुरक्षा बढ़ाई : जीटीबी अस्पताल में रविवार हुई वारदात के बाद पुलिस अधिकारियों ने वसीम को ज्यादा सुरक्षित वार्ड में शिफ्ट कर दिया है। यहां 24 घंटे के लिए दो पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। वह बिना तलाशी के किसी को भी वार्ड के भीतर नहीं जाने दे रहे हैं।

मास्टरमाइंड फहीम के फ्लैट पर साजिश रची गई

इस मामले में पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वे वारदात के मास्टरमाइंड फहीम उर्फ बादशाह खान के इशारों पर काम कर रहे थे। फहीम हाशिम बाबा गिरोह का कुख्यात गुर्गा है। आरोपी फैज और उसके दो भाई फैजान व मोईन खान अक्सर फहीम से उसके बाबरपुर स्थित फ्लैट पर मुलाकात करते रहते थे। घटना वाले दिन भी फहीम ने पकड़े गए आरोपियों के अलावा अन्य कई गुर्गों को अपने फ्लैट पर बुलाया। वारदात की पूरी साजिश रची और फिर इन्हें वारदात करने से लेकर अस्पताल से फरार होने तक की सारी योजना के बारे में बताया। फहीम ने उक्त चारों को अस्पताल में भर्ती वसीम को मारने के निर्देश दिए और दोपहर के समय बाइक से भेजा। अन्य गुर्गों को फ्लैट पर ही रोक लिया। अस्पताल में गोलीबारी के बाद आरोपी मोईन खान और फैज अपने लोनी स्थित घर आए गए। इसके बाद दोनों फहीम के इशारे पर अपना ठिकाना बदलकर गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस जांच में भी आरोपियों की सीडीआर में फहीम के मोबाइल नंबर से कई बार कॉल करने इत्यादि की जानकारी सामने आई है।

मंडोली जेल से शुरू हुई हाशिम बाबा गिरोह से दुश्मनी

शास्त्री पार्क थाने के घोषित बदमाश वसीम के खिलाफ करीब 17 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पिछले दिनों हत्या के प्रयास के एक मामले में वह मंडोली जेल में बंद था। वहां वसीम की गैंगस्टर हाशिम बाबा के गुर्गों से लड़ाई हो गई। वसीम ने तीन लड़कों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया था। इसके बाद हाशिम बाबा ने उसे निपटाने के लिए कहा था। इस बीच 3 जून को वसीम जमानत पर रिहा हो गया तो फिर उक्त दोनों वारदातों की साजिश रची गई।

रियाजुद्दीन का शव परिजनों को सौंपा

पुलिस ने सोमवार को पोस्टमॉर्टम के बाद रियाजुद्दीन का शव उसके परिजनों को सौंप दिया। युवक की मां ने बताया कि उसके बेटे का किसी से झगड़ा नहीं हुआ था। पिता इस्लामुद्दीन की मौत का उसे ऐसा सदमा लगा कि वह डिप्रेशन में रहने लगा और नशा करने लगा था। इस दौरान उसके पेट में एक गांठ हो गई, जिसे ऑपरेशन कर निकाला गया था। 23 दिन से वह अस्पताल में भर्ती था।

दोबारा हमला होने की आशंका जताई

सूत्रों के अनुसार, अस्पताल में इलाज करा रहे वसीम को उसके साथियों ने जेल से उस पर दोबारा हमला होने की सूचना दी थी। वसीम ने अपनी हत्या को लेकर दोबारा हमले की आशंका पत्नी आफरीन से जताई थी। सूत्रों का कहना है कि आफरीन ने अस्पताल प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से हमले की आशंका के बारे में सूचित किया था। 

अगला लेखऐप पर पढ़ें