AIIMS में एमबीबीएस की सीटें बिकाऊ नहीं हैं, पैसा वापस दिलाने की याचिका खारिज कर HC ने की टिप्पणी
दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस सिंह ने कहा, 'AIIMS में प्रवेश परीक्षा के लिए घंटों तैयारी कर, घंटों समय बिताकर छात्र खुद को तैयार कर रहे हैं। AIIMS में एमबीबीएस के लिए सीटें बिकाऊ नहीं है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कड़कड़डूमा कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ की गई अपील को खारिज कर दी है। ट्रायल कोर्ट ने AIIMS में MBBS कोर्स में सीट सुनिश्चित करने के लिए दिए गए पैसे की रिकवरी के पक्ष में आदेश देने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट ने कहा कि AIIMS में MBBS कोर्स के लिए सीट बिकाऊ नहीं है। जस्टिस जसमीत सिंह विम्मी चावला द्वारा दायर की गई एक याचिका को खारिज कर दिया है। विम्मी चावला ने एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज (ADJ-East) कड़कड़डूमा कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को रद्द करने की मांग की थी।
अदालत की बेंच ने कहा कि तथ्य एक घृणित तस्वीर सामने लाती है। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि उसने अपनी बेटी के AIIMS में एडमिशन और उसकी सीट सुनिश्चित करने के लिए जो पैसे दिए थे उसे वापस दिलवाया जाए। अदालत में कहा गया है कि दीपक सेठी ने याचिकाकर्ता को एम्स में सीट सुनिश्चित करवाने के लिए पैसे लेकर धोखा दिया। याचिकाकर्ता ने स्वास्थ्य मंत्रालय और उच्च अधिकारियों से भी संपर्क किया है। आरोप है कि पैसे देने के बाद भी याचिकाकर्ता की बेटी के लिए सीट सुनिश्चित नहीं हो सका। ADJ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट किसी गैरकानूनी कार्य के बचाव के लिए नहीं है।
जस्टिस सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता गैरकानूनी कार्य को बढ़ावा देने का दोषी है। यह तथ्य जानते हुए भी कि AIIMS भारत का सबसे ज्यादा प्रीमियर इंस्टीच्यूट है। जस्टिस सिंह ने कहा, 'AIIMS में प्रवेश परीक्षा के लिए घंटों तैयारी कर, घंटों समय बिताकर छात्र खुद को तैयार कर रहे हैं।
AIIMS में एमबीबीएस के लिए सीटें बिकाऊ नहीं है। अदालत में जस्टिस ने कहा, 'मुझे कोर्ट के आदेश में कुछ भी कमी नजर नहीं आती है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है।' उच्च न्यायालय ने कहा कि हो सकता है कि अपीलकर्ता आसानी से धोखा खा जाने वाला हो लेकिन यह कोर्ट किसी ऐसे शख्स की मदद के लिए नहीं है जो किसी गैरकानूनी काम में शामिल हो।