हरियाणा में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में करोड़ों का घोटाला, सीएम ने विजिलेंस को सौंपी जांच
अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया है। फर्जीवाड़ा अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति के छात्रों को दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में हुआ है।...
अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया है। फर्जीवाड़ा अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति के छात्रों को दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में हुआ है। शिकायत के बाद हुई जांच में इसका पर्दाफाश हुआ है। मामले में अब तक आठ कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मामले की जांच विजिलेंस डिपार्टमेंट को सौंप दी है। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी. उमाशंकर ने आदेश जारी कर दिए हैं, जिसमें कहा गया है कि विजिलेंस डिपार्टमेंट के डीजी 15 दिन में मामले से संबंधित अपडेट मुख्यमंत्री को दें। विभाग की एसीएस नीरजा शेखर मामले से जुड़े सभी दस्तावेज विजिलेंस को सौंप दें। विजिलेंस फोरेंसिक जांच के लिए सीआईडी की भी मदद ले सकता है।
मुख्यालय तक जुड़े तार
सूत्रों का कहना है कि विभाग ने वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक छात्रवृत्ति के लिए ढाई सौ करोड़ रुपये जारी किए थे। सोनीपत में 352 विद्यार्थियों के नाम पर साढ़े तीन करोड़ रुपये का घोटाला उजागर हो चुका है। इसके बाद विभाग ने हाल ही में छह करोड़ रुपये से ज्यादा का घपला और पकड़ा है। इन दोनों मामलों में जिला मुख्यालय से लेकर प्रदेश मुख्यालय तक के तार जुड़े हैं।
शिकायत के बाद जांच में हुआ खुलासा
सोनीपत में जिला कार्यालय की ओर से पहले 170 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देने के लिए 1 करोड़ 71 लाख 67 हजार 800 रुपये के प्रस्ताव स्वीकृति के लिए आए। फिर 182 विद्यार्थियों के लिए 1 करोड़ 81 लाख 42 हजार 700 रुपये के प्रस्ताव आए। मंजूरी के बाद ईपीएस बैठक में महानिदेशक कार्यालय को सूचित किया कि स्वीकृत राशि को खातों में ट्रांसफर करने के लिए कर्मचारियों ने दूसरे आधार नंबर जोड़ते हुए हेराफेरी की है। चार सदस्यीय जांच कमेटी ने रिपोर्ट दी कि 352 मामलों में सिर्फ सात केस सही हैं। दो के नाम बदले हुए हैं। इसके आधार पर ही आरोपी कर्मचारियों पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
इन पर गिरी गाज
विभाग ने मामले में लिपिक, दो सहायक, एक क्लर्क और मुख्यालय के डाटा एंट्री ऑपरेटर के अलावा सोनीपत डिस्ट्रिक्ट वेलफेयर ऑफिसर को जहां पहले ही निलंबित किया जा चुका है। वहीं, अब असिस्टेंट व स्टेटिकल असिस्टेंट को सस्पेंड किया गया है। उप निदेशक ट्रेनिंग के खिलाफ भी सरकार को कार्रवाई के लिए लिखा गया है।