अग्निपथ योजना से पहले चुने गए डेढ़ लाख युवाओं की हो भर्ती, दिल्ली में प्रदर्शन
AICC, कर्नल (रिटायर्ड), रोहित चौधरी ने कहा, अग्निपथ स्कीम के लॉन्च होने से पहले करीब डेढ़ लाख युवाओं को डिफेंस फोर्स में नियुक्ति के लिए चुना गया था। उन्हें नियुक्ति का इंतजार अभी भी है।
केंद्र सरकार के अग्निपथ स्कीम के खिलाफ युवाओें ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे युवाओं की मांग थी कि इस स्कीम के आने से पहले जिन लोगों को डिफेंस में चुना गया था उनकी भर्ती की जाए। यह प्रदर्शन AICC -एक्स सर्विसमैन डिपार्टमेंट के बैनर तले किया गया। AICC, कर्नल (रिटायर्ड), रोहित चौधरी ने कहा, अग्निपथ स्कीम के लॉन्च होने से पहले करीब डेढ़ लाख युवाओं को डिफेंस फोर्स में नियुक्ति के लिए चुना गया था। लेकिन अभी तक सर्विस ज्वाइन करने के लिए वो अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। इन सभी ने सभी प्रक्रियाएं पूरी की हैं और फाइनल सलेक्शन के लिए क्वालीफाई किया है। हम प्रधानमंत्री से आग्रह कर रहे हैं कि वो इन युवाओं को अनुमति दें कि वो फोर्स ज्वाइन कर सकें।
उन्होंने कहा कि अग्निपथ स्कीम के लिए इस देश को कॉन्ट्रैक्चुअल आर्मी की जगह स्थायी आर्मी की जरूरत है। वेस्टर्न बॉर्डर करीब 1,400 किलोमीटर का है। चीन से हमारी 3,800 किलोमीटर की सीमा लगती है। इसके अलावा अन्य देशों से भी हमारी 6,500 किलोमीटर की सीमा लगती है। हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए हमें स्थायी आर्मी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इन डेढ़ लाख युवाओं के दर्द को समझा था। जो इस वक्त अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने इनसे बातचीत भी की थी। 'उन्होंने कहा, 'हमने यह तय किया है कि अगर साल 2024 में कांग्रेस सत्ता में आती है तो हम इस स्कीम को रद्द कर करेंगे और इन डेढ़ लाख युवाओं की डिफेंस में नियुक्ति सुनिश्चित की जाएगी।'
क्या है अग्निवीर योजना
बता दें कि भारतीय सशस्त्र बलों में भर्ती को लेकर केंद्र सरकार यह योजना लेकर आई थी। इस योजना से सेना में भर्ती का प्रारूप अब बदल चुका है। इस योजना के तहत अब युवाओं को 4 साल के लिए सेना में सेवा देने का मौका मिलेगा। 4 साल बाद चयनित हुए जवानों में से 25 प्रतिशत को स्थायी किया जाएगा और अन्य सभी को रिटायर कर दिया जाएगा। इस चार साल के कार्यकाल में प्रथम वर्ष 30 हजार, दूसरे साल 33 हजार तीसरे साल 36,500 और चौथे तथा अंतिम वर्ष 40 हजार रुपये वेतन प्रतिमाह दिया जाएगा। रिटायर होने वाले जवानों को पेंशन की सुविधा नहीं मिलेगी।