Rakesh Tikait : दिल्ली दूर नहीं; किसान आंदोलन के बीच टिकैत की भी चेतावनी, UP में भी बढ़ेगा संकट
टिकैत ने कहा कि दिल्ली में 13 महीने आंदोलन चला तो हमारी सरकार के साथ 12 दौर की बातचीत हुई। भारत सरकार से 22 जनवरी 2021 के बाद से हमारी कोई बातचीत नहीं हुई है। 3 साल बाद में यह बातचीत शुरू हुई है।
पंजाब-हरियाणा के किसानों के 'दिल्ली कूच' पर अब भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अपनी चुप्पी तोड़ दी है। राकेश टिकैत ने नए किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए इसे जायज बताया है। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इन किसानों को दिक्कत दी तो उनके लिए भी दिल्ली दूर नहीं है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने आज बेंगलुरू में किसान आंदोलन के बारे में एएनआई से बात करते हुए कहा कि एमएसपी गारंटी कानून और स्वामीनाथन कमेटी रिपोर्ट, बिजली संशोधन बिल और कर्ज माफी देशभर के किसानों के एक जैसे ही मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि देश में बहुत सारे किसान संगठन हैं। अलग-अलग मंचों से यह समस्याएं उठती रहेंगी। जहां से जो भी किसान जाएगा समस्याएं वहीं रहेंगे।
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टिकैत ने कहा कि बिहार में मंडियां खत्म कर दी गई हैं, वहां किसानों का कोई मंच नहीं है। यही सरकार पहले थी और इसी विचारधारा की सरकार आज है। आज बिहार का किसान सबसे ज्यादा खराब स्थिति में है। बिहार में अब लेबर तैयार होती है और यही हाल पूरे देश का होना है।
टिकैत ने कहा, "देश में बड़ी पूंजीवादी कंपनियों ने एक संगठन बनाकर एक राजनीतिक पार्टी बना ली है और इस देश पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में ये दिक्कतें आएंगी ही। दिल्ली के लिए कोई एक दिन पहले चल दिया तो कोई दो दिन बाद में आ जाएगा। अगर उनके (किसानों) साथ कोई अन्याय होगा और सरकार ने उनके लिए कोई दिक्कत पैदा की तो ना वो किसान हमसे ज्यादा दूर हैं और ना दिल्ली हमसे ज्यादा दूर है। सरकार को उनसे बातचीत करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इससे पहले जब दिल्ली में 13 महीने आंदोलन चला तो हमारी सरकार के साथ 12 दौर की बातचीत हुई। भारत सरकार से 22 जनवरी 2021 के बाद से हमारी कोई बातचीत नहीं हुई है। 3 साल बाद में यह बातचीत शुरू हुई है। संयुक्त किसान मोर्चा अभी इस आंदोलन में शामिल नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा की 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद करने की कॉल है। ये भी किसान संगठन से ही हैं। ये दिल्ली के लिए चल दिए, हम इनके समर्थन में हैं। अगर इनके साथ कोई छेड़खानी होगी तो हम आएंगे।
राकेश टिकैत ने कहा, "जब देश का विपक्ष कमजोर होता है तो देश में तानाशाहों का जन्म होता है। सब राजनीतिक पार्टियां एक हैं। सत्ता वाले भी और विपक्ष वाले भी। ये अपनी सरकार बचाएं... जब देश का राजा ही ये कह रहा है कि हम 400 सीट जीतेंगे तो फिर देश में चुनाव की जरूरत कहां रह गई?... आप इसी चुनाव का नवीकरण कर लीजिए। आप क्यों देश को पागल बना रहे हैं... "
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