कोरोना के मद्देनजर अंतरिम जमानत या पैरोल पर चल रहे कैदियों को जल्द लौटना पड़ सकता है जेल
कोरोना महामारी के बाद अंतरिम जमानत या पैरोल पर पिछले कई माह से जेल से बाहर रह रहे कैदियों को अब जल्द ही दोबारा जेल जाना होगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा है कि महामारी के मद्देनजर कैदियों...
कोरोना महामारी के बाद अंतरिम जमानत या पैरोल पर पिछले कई माह से जेल से बाहर रह रहे कैदियों को अब जल्द ही दोबारा जेल जाना होगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा है कि महामारी के मद्देनजर कैदियों को दी गई अंतरिम जमानत और पैरोल की अवधि बढ़ाने वाले उसके आदेश को समाप्त होना चाहिए क्योंकि राजधानी की जेलों में अब संक्रमित लोगों की संख्या महज 3 रह गई है। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब जेल महानिदेशक की ओर से कहा गया कि न्यायालय के आदेश के मद्देनजर समय-समय पर अंतरिम जमानत या पैरोल की अवधि बढ़ाने के चलते बाद 6700 कैदी जेल से बाहर हैं।
मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल, सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की पूर्णपीठ के समक्ष जेल महानिदेशक ने कहा कि तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेलों की क्षमता 10 हजार कैदियों की है, लेकिन फिलहाल इनमें 15 हजार 900 कैदी बंद हैं। इस पर बेंच ने कहा कि अब कोरोना का अध्याय समाप्त होना चाहिए, इन लोगों को आत्मसमर्पण करने दें या वापस जेल जाएं। बेंच ने कहा कि हमने महामारी को देखते हुए आदेश पारित किया था, हमारे आदेश का जेल की भीड़ को कम करने से ज्यादा कोई और मकसद नहीं है।
बेंच ने कहा कि कोरोना महामारी के अलावा अन्य कारणों से अंतरिम जमानत और पैरोल के अवधि विस्तार का आदेश जारी रह सकता है। बेंच ने कहा कि हम फिर से इस साल जनवरी-फरवरी वाली स्थिति में वापस चले जाएंगे। बेंच ने कहा कि वह जल्द फैसला लेंगे कि कोरोना महामारी के चलते जो एक ही आदेश से कैदियों के अंतरिम जमानत या पैरोल की अवधि बढ़ाने के आदेश को पूर्णत: जारी रखा जाए या नहीं।
There are 6 prisoners who are presently COVID-19 positive. Total 2,318 prisoners who are involved in heinous crimes have been granted interim bail by courts. 2,907 prisoners involved in minor crimes granted interim bail: Tihar Jail Authority. #Delhi pic.twitter.com/tau6IDuluC
— ANI (@ANI) October 20, 2020
बेंच ने यह टिप्पणी उस अर्जी पर सुनवाई करते हुए की है जिसमें 13 जुलाई और 24 जुलाई के आदेशों को वापस लेने/संशोधित करने की मांग की गई है। बेंच ने उक्त आदेश में कोरोना महामारी के मद्देनजर 16 मार्च के पहले या उसके बाद अंतरिम जमानत/ पैरोल पर जेल से रिहा होने वाले सभी कैदियों को राहत देने हुए उनकी अंतरिम जमानत व पैरोल की अवधि 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी थी।
हाईकोर्ट में यह अर्जी दिल्ली हिंसा से जुड़े मामलों की पैरवी के लिए नियुक्त विशेष लोग अभियोजक अमित प्रसाद की ओर से दाखिल की है। उन्होंने अर्जी में कहा है कि हिंसा सहित अन्य मामलों के कैदी हाईकोर्ट के उक्त दोनों आदेशों का दुरुपयोग कर रहे हैं। साथ ही कहा कि कैदी पारिवारिक बीमारी या कुछ अन्य कारणों से जमानत मांग रहे हैं और फिर हाईकोर्ट के उक्त आदेश का हवाला देकर अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने में सफल हो रहे हैं। हाईकोर्ट ने इस पर कहा था कि वह अपने आदेशों की दुरुपयोग नहीं होने देगा।
बेंच ने कहा था कि यदि आदेश का दुरुपयोग किया जा रहा है तो वह अपने विस्तार के आदेश को वापस ले लेगा। हाईकोर्ट ने कहा था कि यदि कैदी आदेश का दुरुपयोग कर रहे हैं, तो हम इसे रोक देंगे और फिर उन्हें भुगतना होगा।