सरकारी बसों के यात्रियों की बल्ले-बल्ले, अब सफर के दौरान मुफ्त मिलेगी यह सुविधा
रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के प्रकोप के बीच सरकारी बसों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है। भीषण गर्मी में रोडवेज की सभी बसों में यात्रियों को सफर के दौरान मुफ्त में ठंडा पानी मिलेगा।
रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के प्रकोप के बीच सरकारी बसों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है। भीषण गर्मी में हरियाणा रोडवेज की सभी बसों में यात्रियों को सफर के दौरान बुधवार से मुफ्त में ठंडा पानी मिलेगा। हरियाणा राज्य परिवहन निगम ने मंगलवार को प्रदेश के सभी रोडवेज बस डिपो के महाप्रबंधकों को बसों में ठंडे पेयजल की व्यवस्था तुरंत शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इन दिनों प्रदेश भीषण गर्मी की चपेट में हैं और ऐसे में ठंडा पानी यात्रियों को थोड़ी राहत देगा।
फरीदाबाद जिले के रोडवेज डिपो से चलने वाली करीब 92 लंबे रूट की सभी बसों में ये व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी।बल्लभगढ़ फरीदाबाद डिपो से चलने से वाली करीब 92 लंबे रूट चंडीगढ़, अमृतसर, यमुनानगर, शिमला, धर्मशाला, मुरादाबाद, आगरा, जयपुर, हिसार, फतेहाबाद, भिवानी, कटरा-जम्मू आदि बसों में करीब 20 लीटर क्षमता का एक जग ठंडे पानी से भरा होगा। साथ में डिस्पोजल गिलास भी इस जग के साथ होंगे, ताकि यात्रियों को पानी पीने में सुविधा हो सके।
हरियाणा राज्य परिवहन के निदेशालय ने मंगलवार को प्रदेश के सभी महाप्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि बसों में ठंडे पेयजल की व्यवस्था तुरंत करें। निर्देशों में कहा गया कि तुरंत प्रभाव से सभी बसों में ठंडे पानी की व्यवस्था की जानी चाहिए। हरियाणा रोडवेज के महाप्रबंधक लेखराज ने बताया कि बुधवार से यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी, जबकि गुरुवार तक लंबे रूट की सभी बसों में ठंडे पानी की व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी।
गुरुग्राम में भी व्यवस्था लागू
गुरुग्राम रोडवेज डिपो के महाप्रबंधक प्रदीप कुमार का कहना है कि गर्मी के प्रकोप को देखते हुए यात्रियों की सुविधा के लिए गुरुग्राम में भी रोडवेज की बसों में पीने के ठंडे पानी की व्यवस्था के लिए मुख्यालय से आदेश आए हैं। बुधवार से डिपो की सभी बसों में पानी के कैंपर रखवा दिए जाएंगे, ताकि बसों में ही यात्रियों को पीने का पानी मिल सके। गर्मी के मौसम में अक्सर सफर करते समय प्यास लगने पर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को अधिक परेशानी होती है। लंबे रूटों पर यह समस्या अधिक देखने को मिलती है। चालक-परिचालक कई बार हैंडपंप आदि देखने पर बसों को रोक लेते हैं, लेकिन हर रूट पर ऐसा संभव नहीं हो पाता।