दंपती की हत्या कर कमरे में सो रही बहनों से की थी हैवानियत, नूंह के डिंगरहेड़ी में हुई दरिंदगी की पूरी कहानी
नूंह के डिंगरहेड़ी में बावरिया गैंग ने किसान दंपति के सिर पर डंडों से हमला कर उनकी हत्या कर दी थी। इसके बाद कमरे में सो रहीं एक नाबालिग समेत दो बहनों से गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था।
हरियाणा के नूंह के डिंगरहेड़ी में बावरिया जनजाति से ताल्लुक रखने वाले इस गिरोह ने किसान दंपति के सिर पर डंडों से हमला कर उनकी हत्या कर दी थी। इसके बाद कमरे में सो रहीं एक नाबालिग समेत दो बहनों से गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था। गैंग ने परिवार के बाकी लोगों पर भी हमला कर उन्हें लहूलुहान कर दिया था और नकदी और आभूषण लूटकर फरार हो गया था। इस वारदात से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। इस वारदात से सांप्रदायिक सौहार्द भी खतरे में पड़ गया था।
घटना को वर्ष 2016 में 24-25 अगस्त की रात को अंजाम दिया गया था। वर्ष 2017 में गुरुग्राम के खेड़की दौला थाने की पुलिस ने इस गिरोह को पकड़ा था। इस मामले में पुलिस और सीबीआई ने तीन बार चार्जशीट अदालत में दाखिल की थी। 21 नवंबर वर्ष 2016 को दाखिल चार्जशीट में चार लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसके बाद सीबीआई ने जांच की। सीबीआई ने 24 जनवरी 2018 को चार्जशीट दायर की थी। सीबीआई ने फिर से जांच कर 29 नवंबर 2019 को अतिरिक्त चार्जशीट अदालत में दाखिल की थी।
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सीबीआई ने इस मामले में 12 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें विनय उर्फ लंबू, जयभगवान, हेमंत चौहान और अयान चौहान को शनिवार को फांसी की सजा सुनाई गई। जबकि 10 अप्रैल को तेजपाल, अमित, रविंद्र, कर्मजीत, संदीप और राहुल वर्मा को बरी कर दिया गया था। इस मामले में एक आरोपी अमरजीत पैरोल पर आने के बाद से फरार है। हंसराज नामक आरोपी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। यह गिरोह सोते हुए लोगों के सिर पर डंडे मारकर हत्या की वारदात को अंजाम देता था। वहीं, परिवार के लोगों के सामने ही बच्चियों और महिलाओं से गैंगरेप कर लूटपाट कर फरार हो जाता था।
एक्सल गिरोह के नाम से भी चर्चित हुआ था
यूपी में यह गैंग एक्सल गिरोह के नाम से चर्चित हुआ था। यमुना एक्सप्रेस पर देर रात सफर करने वाले परिवारों के साथ लूटपाट करने के साथ-साथ महिलाओं के साथ भी वारदात करता था। महिलाओं के अलावा कई वारदातों में इस गिरोह ने पुरुषों के साथ भी यौनाचार की वारदातों को अंजाम दिया था। यह गिरोह लोगों में दहशत फैलाने के लिए वारदात के दौरान पीड़ितों के सिर पर वारकर लूटपाट करता था।
गुरुग्राम में भी हुई ऐसी वारदात
इस गैंग को एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के डीएसपी यशवंत ने वर्ष 2017 में गिरफ्तार किया था। उन्होंने इस गिरोह के बदमाशों को गिरफ्तार कर सीबीआई के हवाले किया था। डीएसपी एसटीएफ ने बताया कि जब इस गिरोह को पकड़ा गया था तो वे गुरुग्राम के खेड़कीदौला थाना के एसएचओ थे। डिंगरहेड़ी से मिलती-जुलती कई वारदातें गुरुग्राम के अलग-अलग हिस्सों में हुई थी।
मुखबिर से सूचना मिलने पर पकड़े गए
डिंगरहेड़ी में विशेष समुदाय के साथ हुई इस घटना से सांप्रदायिक सौहार्द भी खतरे में पड़ गया था। डीएसपी यशवंत ने बताया कि उन्हें विभिन्न जनजातियों से जुड़े गिरोहों पर काम करने का लंबा अनुभव है। वारदात का तरीका जनजातियों के गिरोह से मेल खाता था। बाद में उनका शक बावरिया जनजाति के गिरोह पर चला गया। मुखबिर से सूचना मिलने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
डंडों से पीड़ितों के सिर पर हमला कर मारते थे
पूछताछ में पता चला कि इस गिरोह ने करीब 150 वारदातों को अंजाम दिया हुआ है। जेवर में यह एक्सल गैंग के नाम से चर्चा में आया था। वहां यमुना एक्सप्रेसवे पर वारदातों को अंजाम देता था। वारदात से पहले डंडों से सिर पर प्रहार करते थे। यदि कोई मुकाबला करता तो यह गोली मारने से भी नहीं चूकते थे।
आर्थिक तंगी से जूझरहा पीड़ित का परिवार
जिला नूंह के बहुचर्चित डींगरहेड़ी दंपती हत्याकांड और दो बहनों से गैंगरेप के मामले में पीड़ित परिवार पूरी तरह बर्बाद हो गया। परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। दंपति के छह छोटे बच्चों के सामने पढ़ाई का संकट खड़ा है। बच्चों का पालन पोषण करने के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है।
बेटे को नौकरी से हटाया
पीड़ित परिवार के सदस्यों का कहना है कि हत्याकांड और गैंगरेप की घटना के वक्त सरकार ने मरने वाली दंपती के बड़े बेटे को वक्फ बोर्ड में जिला नूंह के एक शिक्षण संस्थान में अस्थायी नौकरी दी थी। आरोप है कि करीब ढाई साल बाद उसे नौकरी से हटा दिया गया।