सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह की कोशिश करने वाले व्यक्ति की मौत, आग लगाने से पहले किया था फेसबुक लाइव
सुप्रीम कोर्ट के बाहर बीते दिनों कथित तौर पर एक महिला के साथ आत्महत्या की कोशिश करने वाले 27 वर्षीय व्यक्ति की शनिवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि...
सुप्रीम कोर्ट के बाहर बीते दिनों कथित तौर पर एक महिला के साथ आत्महत्या की कोशिश करने वाले 27 वर्षीय व्यक्ति की शनिवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सोमवार को आत्मदाह की कोशिश में 27 वर्षीय युवक 65 प्रतिशत, जबकि 24 वर्षीय युवती 85 प्रतिशत तक झुलस गई थी। दोनों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुलिस ने बताया कि महिला का इलाज चल रहा है।
पुलिस ने बताया कि युवती उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की रहने वाली है और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद अतुल राय ने 2019 में उसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया था। सांसद इस मामले में दो साल से न्यायिक हिरासत में जेल में हैं।
आत्महत्या का प्रयास करने से पहले युवती ने सहयोगी के साथ फेसबुक लाइव पर एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने अपनी पहचान बताई और आरोप लगाया कि उसने 2019 में अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। युवती ने आरोप लगाया है कि पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारी और अन्य लोग आरोपी का साथ दे रहे हैं।
Delhi | The man who had set himself ablaze in front of Supreme Court gate number D on August 16 succumbs to his injuries
He and a woman had set themselves on fire in front of the Supreme Court.
(File photo) pic.twitter.com/UHe4saOp94
— ANI (@ANI) August 21, 2021
डीसीपी (नई दिल्ली) दीपक यादव ने कहा था कि इस घटना के पीछे की सटीक वजह का पता लगाने के लिए मामले की जांच जारी है, लेकिन ऐसा संदेह है कि युवती ने आरोपी पक्ष द्वारा फर्जीवाड़े के मामले में फंसाए जाने की डर से आत्महत्या की कोशिश की थी। डीसीपी यादव ने बताया कि मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने तत्काल उन दोनों पर कंबल डाला और आग बुझा दी। उन्होंने बताया कि दोनों को तुरंत राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया।
फेसबुक लाइव वीडियो में युवती ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की स्थानीय अदालत ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है और न्यायाधीश ने उसे समन भी जारी किया है। युवती ने अपनी जान को खतरा बताते हुए मार्च में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर दुष्कर्म मामले की सुनवाई प्रयागराज से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था।
बाद में अगस्त में, वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने आरोपी सांसद के भाई द्वारा दर्ज कराई गई फर्जीवाड़े की शिकायत के आधार पर युवती के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया।