एलजी नहीं आए तो उनके गुंडे भी नहीं आए, केजरीवाल ने किया उद्घाटन तो बोलीं आतिशी
आतिशी ने कहा, 'चूकि एलजी नहीं आए तो, जो वो अपने साथ गुंडे लेकर आते हैं वो भी नहीं आए। अपने साथ वो बदतमीजी करने वाले जो लोग लेकर आते हैं वो भी नहीं आए इसलिए शांतिपूर्ण ढंग से उद्घाटन हो गया है।'
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को उत्तम नगर में माध्यमिक कन्या विद्यालय के नये स्कूल भवन का उद्घाटन किया। इस उद्घाटन के बाद दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी मर्लेना ने एक साथ कांग्रेस, बीजेपी और उपराज्यपाल पर निशाना साधा। आतिशी मर्लेना ने बताया कि उत्तम नगर में 41 कमरों का सरकारी विद्यालय बना है। यह एक ऐसा स्कूल है जो साल 1985 में शुरू हुआ था और तब ही से यह स्कूल टीन के बने शेड में चल रहा था। आतिशी ने आगे कहा कि इतने सालों तक कभी कांग्रेस की सरकार रही तो कभी बीजेपी की सरकार रही लेकिन किसी की भी सरकार ने इस स्कूल में पढ़ रही 1500 से ज्यादा लड़कियों को एक पक्की बिल्डिंग तक मुहैया नहीं कराया। जनवरी 2021 में अरविंद केजरीवाल ने यहां पर नये स्कूल का शिलान्यास किया और डेढ़ साल के अंदर-अंदर एक शानदार बिल्डिंग तैयार हो गई। मैंने ट्वीट कर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना को न्योता दिया था और कहा था कि अगर वो आना चाहे और इस बिल्डिंग का उद्घाटन कर अरविंद केजरीवाल के काम का क्रेडिट लेना चाहें तो उनका स्वागत है। हमने काफी देर तक विनय सक्सेना का इंतजार किया लेकिन वो स्कूल के उद्घाटन में नहीं आए।
इसके बाद आतिशी ने कहा, 'चूकि एलजी नहीं आए तो, जो वो अपने साथ गुंडे लेकर आते हैं वो भी नहीं आए। अपने साथ वो बदतमीजी करने वाले जो लोग लेकर आते हैं वो भी नहीं आए, तो इसलिए क्योंकि एलजी साहब अपने गुंडों के साथ नहीं आए तो आज स्कूल का उद्घाटन काफी शांतिपूर्ण तरीके से हो गया है।' आतिशी ने आगे यह भी कहा कि मैं एलजी साहब को कहना चाहूंगी कि दो हफ्ते बाद एक अन्य स्कूल का हम उद्घाटन करने वाले हैं, जिसकी विस्तृत जानकारी हम उन्हें दे देंगे। अगर वो वहां पर आकर अरविंद केजरीवाल के काम का क्रेडिट लेना चाहते हैं तो उनका स्वागत है।
वहीं इस स्कूल के उद्घाटन के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले यहां बच्चियां हीन भावना लेकर स्कूल में पढ़ने आती थी। 37 साल तक बीजेपी और कांग्रेस की सरकार रही लेकिन किसी ने भी इस स्कूल को ठीक नहीं किया। अब इस स्कूल का बुनियादी ढांचा किसी निजी स्कूल से बेहतर हो चुका है।