NCR में आएगी रोजगार की बहार, जेवर एयरपोर्ट के पास 760 हेक्टेयर में बसेंगी जापानी-कोरियन सिटी; किसानों को भी फायदा
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए जापानी और कोरियन सिटी विकसित करने की तैयारी तेज कर दी है।
एनसीआर में अगले कुछ सालों में रोजगार की बहार आने वाली है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए जापानी और कोरियन सिटी विकसित करने की तैयारी तेज कर दी है। प्रत्येक को एक सेक्टर समर्पित किया जाएगा। सेक्टर-5ए में जापानी, जबकि सेक्टर- 4ए में कोरियन शहर बसेगा। इन सेक्टर को विकसित करने के लिए प्राधिकरण किसानों से सीधे 1700 एकड़ से अधिक जमीन की खरीद करेगा।
प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि जापानी सिटी के लिए 395 हेक्टेयर और कोरियन सिटी के लिए 365 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई है। पहले प्राधिकरण सेक्टर-10 में 200 हेक्टेयर में जापानी शहर बसाने पर विचार कर रहा था। हालांकि, अब इन शहरों को बसाने के लिए नई योजना तैयार की गई है। शहरों को विकसित करने के लिए जमीनी विवाद का सामना ना करना पड़े, इसके लिए किसानों से सीधे जमीन खरीदने की तैयारी चल रही है। यह शहर अन्य उत्पादों के अलावा इलेक्ट्रॉनिक सामान, चिप्स, सेमीकंडक्टर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), कैमरे के निर्माण का भी केंद्र रहेंगे। इन शहरों में जापानी और कोरियाई नागरिकों के लिए उन्हीं के पारंपरिक व व्यावसायिक तौर तरीकों पर आधारित आवास, स्कूल व अस्पताल और अन्य आवश्यक सुविधा विकसित की जाएगी।
सेक्टरों में भूमि का मिश्रित उपयोग होगा
इन सेक्टरों में भूमि का मश्रिति उपयोग होगा। जिसमें 70 प्रतिशत औद्योगिक और 13 प्रतिशत वाणज्यिकि क्षेत्र रहेगा। 10 प्रतिशत भूमि पर आवास बनेंगे। पांच प्रतिशत अस्पतालों, स्कूलों और कॉलेजों जैसे संस्थागत उद्देश्यों के लिए आवंटित किया जाएगा। शेष दो प्रतिशत भूमि का उपयोग अन्य सुविधाओं के विकास के लिए किया जाएगा। यहां रहने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की सुविधा के लिए सेक्टरों से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अर्थव्यवस्था में अहम योगदान होगा
यह दोनों शहर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देंगे। यहां पर विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनेंगे। एयरपोर्ट और फिल्म सिटी शुरू होने के बाद शहर में औद्योगिक गतिविधियां तेज हो जाएंगी। यहां पर निवेश करने के लिए जापान की कई कंपनियां आगे भी आ चुकी हैं। प्राधिकरण अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत चल रही है। कई जापानी कंपनियां मौके पर जाकर जमीन का निरीक्षण भी कर चुकी हैं।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह, ''जापानी और कोरियन सिटी के लिए किसानों से सीधे जमीन खरीदी जाएगी, ताकि इन दोनों शहरों को धरातल पर उतारने के लिए जमीन का पेच न फंसे। विवाद से निपटने के लिए प्राधिकरण ने अधग्रिहण के बजाय किसानों से सीधे जमीन खरीदने की योजना बनाई है।''