जेपी विश टाउन के 20000 फ्लैट निर्माण का रास्ता खुला, NCLAT ने दी मंजूरी; समझें आगे का प्रोसेस
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने सुरक्षा समूह को जेपी विशटाउन में रुकी हुई परियोजनाओं का निर्माण शुरू करने की अनुमति दे दी है। इससे करीब 20 हजार से अधिक फ्लैट खरीदारों को राहत मिलेगी।
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने सुरक्षा समूह को जेपी विश टाउन (Jaypee Wish Town) में रुकी हुई परियोजनाओं का निर्माण शुरू करने की अनुमति दे दी है। इससे करीब 20 हजार से अधिक फ्लैट खरीदारों को राहत मिलेगी।
यमुना प्राधिकरण और सुरक्षा समूह को अगली सुनवाई तक मुद्दे का निपटारा करने को कहा गया है। यदि दोनों के बीच सहमति नहीं बनती है तो मामले की अगली सुनवाई योग्यता के आधार पर होगी और फैसला सुनाया जाएगा। वहीं, यमुना प्राधिकरण ने संबंधित मसौदा तैयार कर शासन को भेज दिया है।
दरअसल, जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड की परियोजनाओं का सुरक्षा समूह ने मार्च 2023 में अधिग्रहण किया था। जेपी इंफ्राटेक से प्रभावित किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा के लिए 1689 करोड़ रुपये आदि मुद्दे को लेकर बातचीत न बनने पर यमुना प्राधिकरण ने एनसीएलटी कोर्ट में चुनौती दी थी।
प्राधिकरण ने मांग की थी कि सुरक्षा समूह किसानों को दिए जाने वाले अतिरिक्त मुआवजे के लिए 1689 करोड़ रुपये का भुगतान एक बार में करे। हालांकि, दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद सुरक्षा समूह कुछ छूट की मांग करते हुए अतिरिक्त मुआवजा देने पर सहमत हुआ।
यीडा ने कंपनी के मसौदे को आगे की कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को भेज दिया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। यमुना प्राध्रिकरण ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल में भी चुनौती दी थी। इसमें मुख्य दावा जेपी इंफ्राटेक से प्रभावित किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा के लिए 1689 करोड़ रुपये को लेकर था।
कंपनी को काम का ब्योरा देना होगा
एनसीएलएटी ने दो सप्ताह में आईएमसी (इंट्रिम मॉनिटरिंग कमिटी) से रिपोर्ट मांगी है। संबंधित कंपनी ने पिछले एक साल में क्या काम किया है, इसका पूरा ब्योरा आईएमसी को दो सप्ताह में देना होगा। खरीदारों का कहना है कि एक साल का वक्त गुजरने के बाद भी जेपी इंफ्राटेक के प्रॉजेक्टों में सुरक्षा कंपनी ने काम शुरू नहीं किया है। इससे बायर्स की परेशानी बढ़ती जा रही है।