जेपी ग्रुप ने 10 मार्च तक 40 करोड़ जमा नहीं किए तो फिर...
जेपी ग्रुप की जेपी स्पोर्ट्स को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर 25 मार्च तक 100 करोड़ रुपये जमा करने हैं। जेपी ग्रुप को दो किस्त में 10 मार्च तक 50 करोड़ और 25 मार्च तक 50 करोड़ और जमा करने...
जेपी ग्रुप की जेपी स्पोर्ट्स को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर 25 मार्च तक 100 करोड़ रुपये जमा करने हैं। जेपी ग्रुप को दो किस्त में 10 मार्च तक 50 करोड़ और 25 मार्च तक 50 करोड़ और जमा करने होंगे। जेपी ग्रुप ने 10 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं। उसे 10 मार्च तक 40 करोड़ और जमा करने होंगे। अगर यह पैसा नहीं जमा किया तो यमुना प्राधिकरण कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा।
जेपी स्पोर्ट्स पर 1 हजार करोड़ रुपये से अधिक बकाया होने पर यमुना प्राधिकरण ने कंपनी का 1 हजार हेक्टेयर जमीन का आवंटन रद्द कर दिया था। इस प्रोजेक्ट में बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (बीआईसी), खेल स्टेडियम समेत कई योजनाएं हैं। प्राधिकरण ने आवंटन रद्द करने के बाद बीआईसी को सील कर दिया। इस कार्रवाई के बाद जेपी समूह उच्च न्यायालय चला गया। 25 फरवरी को आए फैसले में अदालत ने जेपी समूह को 100 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया है।
अदालत ने जेपी को दो किस्तों में पैसा जमा करने के लिए कहा है। अदालत ने कहा है कि 10 मार्च तक 50 करोड़ और 25 मार्च तक 50 करोड़ और जमा करने होंगे। अगर किस्त का भुगतान नहीं होता है तो यमुना प्राधिकरण कार्रवाई के लिए स्वंत्रत होगा।
हाईकोर्ट ने 25 मार्च तक की मोहलत दी थी
जेपी ग्रुप को स्पोर्ट्स सिटी का आवंटन रद्द होने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते 25 फरवरी को यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे। हालांकि, कोर्ट ने जेपी ग्रुप को पहले 100 करोड़ रुपये जमा करने और उसके बाद आगे सुनवाई करने को कहा था। कोर्ट ने जेपी को 50 करोड़ रुपये जमा करने के लिए छह मार्च और शेष रकम जमा करने के लिए 25 मार्च तक की मोहलत दी थी।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल एवं न्यायमूर्ति राजीव मिश्र की खंडपीठ ने जेपी ग्रुप की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी और यमुना एक्सप्रेस वे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी, इमरान इब्राहीम व गौरव त्रिपाठी को सुनकर दिया है। यमुना एक्सपेस वे अथारिटी के अधिवक्ता इमरान इब्राहीम ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी ने लगभग 900 करोड़ रुपये बकाया होने के कारण गौतम बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में स्पोर्ट्स सिटी के लिए जेपी को सेक्टर 25 में 100 एकड़ जमीन का आवंटन गत 12 फरवरी को रद्द कर दिया था। यह आवंटन 2009-10 में किया गया था। आवंटन के समय कंपनी को 20 प्रतिशत रकम जमा करना था। शेष रकम 20 अर्धवार्षिक किश्तों में देनी थी।
योजना के तहत जेपी ग्रुप को 1000 एकड़ में स्पोर्ट्स सिटी के साथ आवास के 10 प्रोजेक्ट भी बनाने थे। इनमें से एक प्रोजेक्ट का लगभग 60 प्रतिशत व दो अन्य का 10 से 20 प्रतिशत तक काम भी हो चुका है लेकिन किसी को आवास नहीं मिला है। एडवोकेट इमराम इब्राहीम के अनुसार जेपी पर यह बकाया वर्ष 2013 से है। 2017 में इसे रिशेड्यूल किया गया लेकिन जेपी ग्रुप ने बकाया रकम किश्तों में भी अदा नहीं की तो अथारिटी को आवंटन रद्द करना पड़ा। जेपी ग्रुप ने अथारिटी इस आदेश के विरुद्ध याचिका दाखिल की है।
प्राधिकरण ने बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर जड़ा ताला
इससे पहले यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने भारत के पहले और एकमात्र फॉर्मूला वन ट्रैक बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट को सील कर जेपी ग्रुप को एक और बड़ा झटका देते हुए 1000 हेक्टेयर की जेपी स्पोर्ट्स सिटी परियोजना का आवंटन रद्द करने के बाद बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट और निर्माणाधीन क्रिकेट स्टेडियम को भी सील कर दिया था। कंपनी पर प्राधिकरण का 1043 करोड़ रुपये बकाया है। जिसे वह जमा नहीं कर रही थी।
ज्ञात हो कि जेपी ग्रुप ने अक्टूबर 2011 में बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (बीआईसी) का निर्माण किया था। हरमन टिलके द्वारा डिजानइन किए गए बीआईसी ने 2011 से 2013 तक भारतीय ग्रांड प्रिक्स की मेजबानी की। 2014 में एफ 1 कैलेंडर से इस स्थान को हटा दिया गया था। इसके साथ ही जेपी ने कई खेल सुविधाओं का विकास किया। 165 किमी यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे प्लॉट पर एक क्रिकेट स्टेडियम और एफ 1 रेस के लिए अन्य संबद्ध इमारतें शामिल हैं। यमुना एक्सप्रेसवे ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ता है।