रिहायशी क्षेत्रों में 5000 औद्योगिक इकाइयों का संचालन दुर्भाग्यपूर्ण : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली में गैरकानूनी औद्योगिक इकाइयों को रोकने के लिए एक निगरानी समिति गठित होने के 14 साल बाद भी इनमें से करीब पांच हजार इकाइयां अब भी...
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली में गैरकानूनी औद्योगिक इकाइयों को रोकने के लिए एक निगरानी समिति गठित होने के 14 साल बाद भी इनमें से करीब पांच हजार इकाइयां अब भी रिहायशी इलाकों में चल रही हैं।
दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने जस्टिस मदन बी. लोकुर और दीपक गुप्ता की बैंच को आश्वासन दिया कि इस तरह की अवैध इकाइयों को 15 दिन के अंदर सील किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि रिहायशी इलाकों में गैरकानूनी रूप से चल रहीं इस तरह की सभी औद्योगिक इकाइयों को 15 दिन में बंद किया जाएगा और उनके बिजली तथा पानी कनेक्शन काटे जाएंगे।
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, समिति ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपी रिपोर्ट में कहा था कि इस साल अगस्त तक 15888 अवैध इकाइयों को बंद किया जाएगा। बैंच ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 14 साल बाद भी, संबंधित प्राधिकार, मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त, नगर निगम आयुक्त और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष इन अवैध इकाइयों को बंद नहीं करा सके।
बैंच ने अपने आदेश में कहा कि अब, यह कहा गया है कि 15 दिन में आवश्यक काम किया जाएगा। बैंच ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 26 नवंबर की तारीख तय की है और समिति से यह सुनिश्चित करने को कहा कि 15 दिन में इन औद्योगिक इकाइयों को सील करने के उसके फैसले का अनुपालन हो। बैंच ने समिति से इस संबंध में उनके फैसले के अनुपालन पर प्रगति रिपोर्ट 13 सितंबर को दायर करने को भी कहा।