एच3एन2 वायरस से लड़ने के लिए दिल्ली कितनी तैयार? जानें अस्पतालों का रियलिटी टेस्ट
एच3एन2 वायरस से लड़ने को लेकर दिल्ली के अस्पतालों ने कमर कस ली है। डॉक्टरों का कहना है कि अधिकतर मरीजों में खांसी, बुखार जैसे लक्षण हैं। कोई बड़ा खतरा नहीं है लेकिन लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।
दिल्ली के तमाम बड़े सरकारी अस्पतालों में एच3एन2 वायरस से निपटने को लेकर तैयारी पूरी है। इसके तहत अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तैयारी किए गए हैं। एच3एन2 के मरीजों को इन्ही वार्ड में भर्ती किया जाएगा। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि भर्ती मरीजों की संख्या में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है। लोग सावधानी बरतें तो कोई बड़ा खतरा नहीं है। एम्स के मेडिसिन विभाग के डॉ. नवल विक्रम ने बताया कि कुछ मरीजों को सांस से जुड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन अधिकतर मरीज में खांसी, बुखार जैसे लक्षण हैं।
लोकनायक अस्पताल में तैयारी पूरी
वहीं, लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि हमारे अस्पताल में एच3एन2 वायरस से पीड़ित कोई मरीज भर्ती नहीं है। अस्पताल में 20 आइसोलेशन के बिस्तर ऐसे मरीजों के आरक्षित किए हैं। इन सभी पर ऑक्सीजन और बाइपेप की सुविधा उपलब्ध है।
मरीजों की संख्या बढ़ी
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएल शेरवाल ने बताया कि उनके अस्पताल में ओपीडी में इन्फ्लूएंजा के लक्षण वाले मरीजों की तादात काफी बढ़ी है। एच3एन2 वायरस की जांच अस्पताल में नहीं होती। इनके सैंपल बाहर भेजे जाते हैं। उन्होंने बताया कि 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड अस्पताल में मौजूद है। गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर भी उपलब्ध हैं।
ज्यादा जांच नहीं की जा रहीं
आरएमएल अस्पताल में भी इस वायरस के लक्षण वाले मरीज आ रहे हैं। हालांकि, जांच में इनकी पुष्टि नहीं हुई है क्योंकि इसकी जांच अधिक नहीं होती है। यहां इन्फ्लूएंजा के मरीजों के लिए 20 बिस्तरों का आइसोलेशन वार्ड मौजूद है। डॉक्टर को टीम को एहतियात और आईसीएमआर के दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है।
लेडी हार्डिंग में 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड
दूसरी ओर, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और उससे जुड़े अस्पतालों के निदेशक डॉ. सुभाष गिरी ने बताया कि हमने अस्पताल में फीवर क्लीनिक तैयार किया है। अभी ओपीडी में मरीज हैं, लेकिन वायरस से पीड़ित कोई मरीज भर्ती नहीं है। अस्पताल में ऐसे मरीजों के लिए 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है।
सावधानी बरतने की जरूरत
इस बीच विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस से बचाव के लिए सावधानी जरूरी है। एच3एन2 ऐसा इंफ्लूएंजा वायरस है जो आमतौर पर सूअरों से मनुष्यों में फैलता है। इसके लक्षण मौसमी फ्लू जैसे हैं। इसके संक्रमण में बुखार, खांसी और श्वसन संबंधी समस्याएं होती हैं। संक्रमित मरीज को शरीर में दर्द, मतली, उल्टी या दस्त समेत अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। 'अपोलो हॉस्पिटल' के इंटरनल मेडिसिन विभाग में वरिष्ठ सलाहकार तरुण साहनी का कहना है कि केवल पांच फीसदी मरीजों के ही अस्पताल में भर्ती होने की सूचना मिली है। फिलहाल कोरोना काल की तरह की सावधानी बरतने की जरूरत है।