जेपी के 22 हजार खरीदारों को जल्द मिल सकती है राहत, 'सुरक्षा' के प्रस्ताव पर यमुना प्राधिकरण ने तय की दिशा
जेपी ग्रुप की हाउसिंग परियोजना में फंसे 22 हजार से अधिक खरीदारों को जल्द राहत मिल सकती है। जेपी इंफ्राटेक को अधिग्रहण करने वाली सरकारी कंपनी ‘सुरक्षा’ के प्रस्ताव पर यीडा की बोर्ड बैठक में चर्चा हुई।
नोएडा में जेपी ग्रुप की हाउसिंग परियोजना में फंसे 22 हजार से अधिक खरीदारों को जल्द राहत मिल सकती है। जेपी इंफ्राटेक को अधिग्रहण करने वाली सरकारी कंपनी ‘सुरक्षा’ के प्रस्ताव पर शुक्रवार को यीडा की बोर्ड बैठक में चर्चा हुई। बोर्ड ने सुरक्षा से किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने, खरीदारों के फ्लैट को बनाने के लिए लगने वाले पैसों के हिसाब से यमुना एक्सप्रेसवे के संचालन समय बढ़ाने और एक्सप्रेसवे की सुविधाओं को ठीक रखने और बढ़ाने की बात कही है।
यमुना प्राधिरकण की 75वीं बोर्ड बैठक चेयरमैन अरविंद कुमार की अध्यक्षता में हुई। जेपी इंफ्राटेक यमुना एक्सप्रेसवे का संचालन करती है। इसके बदले मिली जमीन पर नोएडा में हाउसिंग परियोजना बनाई है। सेक्टर-128, 129, 131 और 132 में जेपी की सोसाइटी में अभी 22 हजार से अधिक खरीदार फ्लैट का इंतजार कर रहे हैं। यह कंपनी दिवालिया हो चुकी है और मामला एनसीएलटी में है। सरकारी कंपनी सुरक्षा इसका अधिग्रहण करेगी। यह प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। अंतिम सुनवाई बहुत जल्द होगी और इसमें सभी पक्ष अपनी बात रखेंगे। इसके बाद एनसीएलटी अपना फैसला देगी।
हाउसिंग परियोजना पूरी करने पर जोर
एक्सप्रेसवे को चलाने के लिए जेपी को 36 साल का समय दिया गया था। सुरक्षा कंपनी चाहती है इस समय में 12 से 15 साल की और बढ़ोतरी की जाए। प्राधिकरण ने इस पर आपत्ति जताई है। बोर्ड ने कहा है कि कंपनी को हाउसिंग परियोजना पूरा करनी होगी।
एक्सप्रेसवे को चौड़ा करना होगा
बोर्ड ने यह भी कहा है कि जो भी सुविधाएं हैं और भविष्य में बढ़ाई जानी है, वह सुरक्षा को ही जमा करना होगा। वाहनों की संख्या बढ़ने पर एक्सप्रेस वे को आठ लेन का किया जाएगा। यह काम भी सुरक्षा को करना होगा।
बकाये के बदले जमीन नहीं लेगा यीडा
बैठक में जेपी ग्रुप की स्पोर्ट्स सिटी परियोजना में रद्द आवंटन को बहाल करने के लिए जेपी द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर चर्चा हुई। परियोजना में बकाये के बदले प्राधिकरण जमीन नहीं लेगा। बल्कि कहा है कि जेपी ही जमीन बेचकर उनका पैसा चुकाए। इसमें जेपी पर 2700 करोड़ रुपये बकाया है।
रजिस्ट्री जनवरी तक करानी होगी
ग्रेटर नोएडा। यीडा के बोर्ड ने बिना दंड ब्याज के रजिस्ट्री करवाने की समय सीमा कम कर दी है। जिन आवंटियों को चेक लिस्ट जारी की जा चुकी है, उन्हें अगले साल जनवरी तक रजिस्ट्री करानी होगी। अगर नहीं कराएंगे तो उन्हें जुर्माना देना होगा।
पहले यह समय सीमा 31 मार्च थी। इस फैसले से करीब आठ हजार आवंटी प्रभावित होंगे। कोविड महामारी के चलते यीडा ने आवंटियों को रजिस्ट्री कराने के लिए बिना विलंब शुल्क के अगले साल 31 मार्च तक का समय दिया था। हालात सामान्य होने के बावजूद आवंटी रजिस्ट्री नहीं करा रहे थे। इसको लेकर यीडा के बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है।