ग्रेटर नोएडा में घर और दुकान बनाने के साथ उद्योग लगाना हुआ महंगा, एलोकेशन रेट में बढ़ोतरी
ग्रेटर नोएडा में प्रॉपटी अब और महंगी हो गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपनी संपत्तियों की एलोकेशन रेट यानी आवंटन दरों में बढ़ोतरी कर दी है। इससे घर दुकान बनाने के साथ उद्योग लगाना महंगा हो गया है।
ग्रेटर नोएडा में घर और दुकान बनाने के साथ उद्योग लगाना अब महंगा हो गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपनी सभी तरह की संपत्तियों की एलोकेशन रेट यानी आवंटन दरों में 5.30 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। इससे ग्रेटर नोएडा में घर, दुकान और उद्योग लगाना महंगा हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीएनआईडीए) के बोर्ड ने शनिवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भूमि आवंटर दर में 5.30 फीसदी की बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी। नई दरें पहली अप्रैल से प्रभावी मानी जाएंगी।
यूपी के इंफ्रास्ट्रक्चर एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की मौजूदगी में हुई बैठक में बोर्ड ने एकमुश्त लीज रेंट भुगतान योजना के संशोधन को भी मंजूरी दी। इसमें आवासीय संपत्तियां शामिल नहीं हैं। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नोएडा प्राधिकरण की तरह, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण बोर्ड ने भी एकमुश्त लीज रेंट भुगतान के लिए वार्षिक लीज रेंट का 15 गुना टैक्स लेने का फैसला किया है। पहले यह 11 गुना था।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, यह निर्णय तीन महीने बाद लागू किया जाएगा। यह भी कहा गया है कि इस अवधि के दौरान, जो आवंटी एकमुश्त लीज रेंट का भुगतान करना चाहते हैं, वे वार्षिक लीज रेंट के 11 गुना पर ऐसा कर सकते हैं। आवासीय संपत्तियों को इस बदलाव से बाहर रखा गया है। वित्त विभाग की तरफ से जल्द ही इससे संबंधित आदेश कर दिया जाएगा। इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण बोर्ड ने नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में नॉलेज पार्क-5 तक प्रस्तावित मेट्रो रूट के 500 मीटर के भीतर अतिरिक्त एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) को मंजूरी प्रदान कर दी दी है।
इस बीच, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण बोर्ड ने उन आवंटियों को भी महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है, जिन्होंने विभिन्न वजहों से अपने आवासीय भूखंडों/भवनों के लिए लीज डीड निष्पादित नहीं की है। बोर्ड ने लेट फी के साथ लीज डीड देने की मियाद 30 अक्टूबर, 2024 तक बढ़ा दी है। इसके साथ ही कंप्लीशन सर्टिफिकेट हासिल करने की मियाद भी 30 जून, 2026 तक बढ़ा दी गई है। इससे अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, स्वर्ण नगरी आदि क्षेत्रों के प्रोवाइडर्स को अनुपालन का एक और मौका मिल गया है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण का कहना है कि इन डेड लाइन के बाद आवंटन रद्द कर दिए जाएंगे।