पुरानी पेंशन की मांग पर दिल्ली में जुटे सरकारी कर्मचारी, NPS का विरोध; OPS की डिमांड आखिर क्यों?
आज दिल्ली के रामलीला मैदान में नई पेंशन के विरोध में सरकारी कर्मचारी जुटे। इस दौरान हजारों सरकारी कर्मचारियों की भीड़ दिल्ली आई हुई है। आइये समझते हैं आखिर ये विरोध क्यों हो रहा है?
पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर 20 से अधिक राज्यों के केंद्र और राज्य सरकार के हजारों कर्मचारी राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटे। 'पेंशन शंखनाद महारैली' में प्रदर्शनकारियों ने नई पेंशन योजना का विरोध करते हुए कहा कि वे सेवानिवृत्ति के बाद अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। आइये समझते हैं कि आखिर सरकारी कर्मचारी नई पेंशन योजना का विरोध क्यों कर रहे हैं? पुरानी पेंशन योजना में ऐसा क्या खास है कि सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना ( OPS) की डिमांड को लेकर मोर्चा खोल दिए?
यह प्रदर्शन ज्वाइंट फोरम फॉर रेस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम (JFROPS) और नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (NJCA) के बैनर तले पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग के लिए यह महारैली आयोजित कर रहा था।
क्या है पुरानी पेंशन स्कीम (OPS)
इस स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय की सैलरी की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है। पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए सरकारी कर्मचारी के वेतन से कोई पैसा नहीं कटता है। इस स्कीम के तहत कर्मचारी को जो भुगतान किया जाता है वह सरकार के राजकोष से किया जाता है। इसके अलावा ओपीएस के तहत कर्मचारियों को 20 लाख रुपए तक की रकम ग्रेच्युटी के तौर पर मिलती है। पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर कर्मचारियों इसलिए भी सड़कों पर हैं क्योंकि कर्मचारी की मृत्यु हो जाने पर उसके पेंशन की राशि उसके परिजन को दी जाती है।
नई पेंशन स्कीम (NPS)
इस पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों के बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते से दस प्रतिशत राशि काटी जाती है। एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है इसलिए इसकी सुरक्षा को लेकर कर्मचारी चिंतित रहते हैं। इसके साथ ही इस स्कीम में छह माह बाद मिलने वाले महंगाई भत्ते का भी कोई प्रावधान नहीं किया गया है। इसके अलावा शेयर बाजार पर आधारित होने के कारण एनपीएस पर टैक्स भी लगता है। नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 प्रतिशत हिस्सा निवेश करना पड़ता है।
इस मामले पर बात करते हुए ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के राष्ट्रीय संयोजक और महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि जो कर्मचारी एक जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में शामिल हुए हैं, वे नयी पेंशन योजना का कड़ा विरोध कर रहे हैं। कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि उन्हें पुरानी पेंशन योजना से वंचित कर दिया गया है और नयी पेंशन योजना में शामिल होने को मजबूर किया गया है।