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अच्छी खबर: जेपी के प्रोजेक्ट में फंसे खरीदारों को घर मिलने की उम्मीद बढ़ी 

सरकारी क्षेत्र की रियल एस्टेट कंपनी एनबीसीसी, जेपी इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट खरीदने से बस एक कदम दूर रह गई है। ‘हिन्दुस्तान' को मिली जानकारी के मुताबिक, एनबीसीसी की कारोबारी सूची में ये...

नई दिल्ली | सौरभ शुक्ल Wed, 16 Jan 2019 09:03 AM
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सरकारी क्षेत्र की रियल एस्टेट कंपनी एनबीसीसी, जेपी इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट खरीदने से बस एक कदम दूर रह गई है। ‘हिन्दुस्तान' को मिली जानकारी के मुताबिक, एनबीसीसी की कारोबारी सूची में ये प्रोजेक्ट सबसे ऊपर हैं। कंपनी ने इन प्रोजेक्ट के लिए समाधान की योजना को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इस महीने के आखिर तक कंपनी को समाधान योजना सौंपनी है। कर्ज में बुरी तरह डूबी इस कंपनी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्रोजेक्ट में घर खरीदारों को राहत दिलाने के लिए नई योजना पर चल रहा काम अब अंतिम दौर में पहुंच गया है। जेपी इंफ्राटेक के विश टाउन और यमुना एक्सप्रेस-वे के प्रोजेक्ट के लिए पिछले महीने बोलियां मंगाई गई थीं जिसमें एनबीसीसी ने भी ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट' दिया था। 

एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट के आधार पर एनबीसीसी समेत चार कंपनियां चुनी गई हैं। इनसे अब घर खरीदारों के लिए समाधान की योजना बनाकर 27 जनवरी तक सौंपने को कहा गया है। एनबीसीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘हिन्दुस्तान' को बताया कि ये प्रोजेक्ट कंपनी की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर हैं। कंपनी इन प्रोजेक्ट को एक बड़े कारोबारी अवसर और सामाजिक क्षेत्र के लिए अहम योगदान के तौर पर देख रही है।

संभावित समाधान योजना 
सूत्रों ने ‘हिन्दुस्तान' को बताया कि एनबीसीसी ने पूरे प्रोजेक्ट का सर्वे कर लिया है। बोली की प्रक्रिया के नतीजे मार्च तक आने के आसार हैं। ऐसे में प्रोजेक्ट मिलने के बाद अप्रैल महीने से एनबीसीसी इन पर काम शुरू कर सकता है। शुरुआती योजना के तहत कंपनी, प्रोजेक्ट मिलने के तीन से छह महीनों के भीतर घरों की चाबी खरीदारों को देना शुरू कर देगी। पहले दौर में कंपनी उन घरों का काम तेजी से पूरा करेगी जहां ज्यादातर काम हो चुका है और केवल फिनिशिंग बाकी है। उसके बाद एनबीसीसी अगले दो साल में सभी खरीदारों को घर सौंपने की योजना के साथ काम करेगी।

कंपनी का मानना है कि इन प्रोजेक्ट के लिए जिन लोगों को भी ठेका दिया जाएगा उनसे समयबद्ध दायरे में घर बनावाए जाएंगे। ताकि लोगों के साथ दोबारा धोखा होने की कोई आशंका न रहे। एनबीसीसी ने इन प्रोजेक्ट से अपनी कमाई का रोडमैप भी तय कर लिया है। .

जेपी ग्रुप पर 10 हजार करोड़ का कर्ज

जेपी इंफ्रा, जेपी ग्रुप की इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है। जेपी ग्रुप पर करीब 10,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसमें से चार हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज आईडीबीआई बैंक का है। साथ ही करीब 11 दूसरे बैंक और वित्तीय संस्थाओं के कर्ज भी शामिल हैं। कंपनी के प्रोजेक्ट नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे पर हैं।.

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